
भारतीय वायुसेना से मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान की विदाई, आज आखिरी बार आसमान में उड़ान भरी
क्या है खबर?
भारतीय वायुसेना के मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान ने मंगलवार को आकाश में अपनी अंतिम उड़ान भरी और इसी के साथ उसकी वायुसेना के बेड़े से विदाई हो गई।
मिग-21 बाइसन आखिरी बार राजस्थान के बाड़मेर में उत्तरलाई शहर के ऊपर उड़ा। उसके साथ सुखोई-30 MKI ने भी उड़ान भरी।
भारतीय वायुसेना मिग-21 को चरणबद्ध तरीके से हटा रही है और उनकी जगह स्वदेशी LCA मार्क-1A लड़ाकू विमान लाने की तैयारी में है।
उड़ान
क्यों हटाए जा रहे मिग विमान?
मिग-21 के पुराने पड़ने और लगातार हादसों का शिकार होने के कारण वायुसेना ने इनको बेडे़ से हटाने का फैसला लिया था।
इसी साल मई में एक मिग विमान राजस्थान के एक गांव में गिर गया था। घटना में 3 लोगों की मौत हुई थी।
मिग-21 से अभी तक 400 से अधिक हादसे हो चुके हैं। इसी कारण इसे 'उड़ता ताबूत' भी कहा जाता है। सभी
मिग-21 को 2025 की शुरूआत तक चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा।
उपलब्धि
क्या है मिग-21 का इतिहास?
भारतीय वायुसेना में मिग-21 लड़ाकू विमान को 1963 में शामिल किया गया था। मौजूदा समय में वायुसेना के पास 31 स्क्वाड्रन थे, जिनमें 3 मिग-21 बाइसन संस्करण के थे।
मिग-21 विमान ने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध से लेकर 1999 में हुए करगिल युद्ध तक तमाम मौकों पर दुश्मनों को हार का स्वाद चखाया है।
भारतीय वायुसेना के कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 से ही पाकिस्तान के F-16 को मार गिराया था। हालांकि, उनका विमान भी क्रैश हो गया था।