कोरोना वायरस: डॉक्टरों ने रेमडेसिवीर के अंधाधुंध उपयोग पर जताई चिंता, बताए उपयोग के गंभीर दुष्परिणाम
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में कोहराम मचा रखा है। प्रतिदिन लाखों नए मामले आ रहे हैं और हजारों की मौत हो रही है। इस बीच मरीजों के उपचार के लिए एंटी-वायरल दवा रेमडेसिवीर का अंधाधुंध उपयोग किया जा रहा है। इससे बाजार में इसकी किल्लत आ गई है। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय और डॉक्टरों ने इसे बढ़ते उपयोग पर चिंता जताई है और कहा है कि इसके अधिक उपयोग से मरीज की मौत भी हो सकती है।
रेमडेसिवीर की जरूरत क्यों पड़ती है?
कोरोना महामारी फैलाने वाले वायरस के खिलाफ रेमडेसिवीर एक प्रभावी एंटी वायरल दवा है। पिछले साल अक्टूबर में इसे अमेरिका में कोरोना के इलाज के इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली थी। ऐसी मंजूरी पाने वाली यह पहली दवा थी। इंजेक्शन के जरिये दी जाने वाली यह दवा कोरोना संक्रमितों को जल्द ठीक होने में मदद करती है। हालांकि, कई तरह के टेस्ट करने के बाद ही डॉक्टर मरीजों को इसके इस्तेमाल की सलाह देते हैं।
अचानक बढ़ी मांग से आई रेमडेसिवीर की किल्लत
रेमडेसिवीर बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि दिसंबर से मार्च के दौरान कोरोना को घटते मामलों को देखते हुए इसका उत्पादन बंद या बहुत कम हो गया था। इसके बाद फरवरी में देश में संक्रमण के मामलों के अचानक आए उछाल से एकाएक इसकी मांग बढ़ गई। ऐसे में बाजार में इसकी किल्लत शुरू हो गई। हालात यह हो गए कि लोगों ने इसका स्टॉक करना शुरू कर दिया और फिर बाजार में इसकी कालाबाजारी भी शुरू कर दी।
केंद्र सरकार ने रेमडेसिवीर के निर्यात पर लगाई रोक
संक्रमण के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि और रेमडेसिवीर की किल्लत को देखते हुए सरकार ने 11 अप्रैल को इसके निर्यात पर रोक लगा दी। सरकार के अनुसार रेमडेसिवीर इंजेक्शन के निर्यात पर देश में संक्रमण की स्थिति स्थिर होने तक प्रतिबंध जारी रहेगा।
सरकार और डॉक्टरों ने बढ़ते उपयोग पर जताई चिंता
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सरकार ने रेमडेसिवीर के बढ़ते उपयोग पर वीडियो जारी किया है। इसमें दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) के निदेशक-प्रोफेसर डॉ नरेश गुप्ता ने कहा, "रेमडेसिवीर के गंभीर दुष्परिणाम भी है। यह कोरोना के इलाज के लिए बनी दवा नहीं है। यह वायरस के खिलाफ एक दवा है। हालांकि, इसका कोरोना के खिलाफ भी उपयोग हो सकता है। अन्य दवाओं की तरह रेमडेसिवीर के भी साइड इफेक्ट हैं और यह जानलेवा भी हो सकते हैं।"
WHO के अनुसार वेंटीलेटर पर मौजूद मरीज पर नहीं होगा रेमडेसिवीर का प्रभाव
डॉ गुप्ता ने कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे लेकर अध्ययन किया है। जिसमें सामने आया है कि कोई मरीज अगर वेंटिलेटर पर है तो उस पर रेमडेसिविर का कोई असर नहीं होगा। हां बस इतना हो सकता है कि उसका एक-दिन अस्पताल में कम हो जाए।" उन्होंने कहा, "हर दवा के दुष्परिणाम होते हैं। रेमडेसिविर के दुष्परिणाम इतने घातक होते हैं कि मरीज की जान पर खतरा बन जाता है। इसीलिए इसे घर पर नहीं दी जाती है।"
यहां देखें रेमडेसिवीर से संबंधित वीडियो
आवश्यकता से दस गुना अधिक हो रहा है इस्तेमाल- गुप्ता
डॉ गुप्ता ने कहा कि यह तय किया जाता है कि वाकई रेमडेसिवीर जरूरत है या नहीं। विज्ञान के हिसाब से उनका मानना है कि जितना उपयोग होना चाहिए, उससे दस गुना अधिक इस्तेमाल हो रहा हैं और यह मरीज के लिए भी हानिकारक है।
ऑक्सीजन सपोर्ट पर मौजूद मरीजों के लिए जरूरी है रेमडेसिवीर- गुप्ता
रेमडेसिवीर के अनावश्यक स्टॉक पर डॉ गुप्ता ने कहा कि जरूरी नहीं कि यह हर कोरोना मरीज के लिए आवश्यक हो, लेकिन ऐसी स्थिति में अगर सभी इसका स्टॉक रखने लगे तो जिन्हें वास्तव में जरूरत है, उन्हें नहीं मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोरोना के इलाज में लेटेस्ट क्लिनिकल गाइडेंस है। कोरोना इलाज के लिए केंद्र ने दिशानिर्देशों में कहा रेमडेसिवीर केवल उन रोगियों के लिए है, जो अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
सरकार ने किए रेमडेसिवीर का उत्पादन बढ़ाने के प्रयास
कोरोना के इलाज में काम आने वाली प्रमुख दवा रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अगले महीने की शुरुआत तक इसकी आपूर्ति 38.80 लाख यूनिट प्रति माह से बढ़कर 74 लाख यूनिट हो जाएगी। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्यों को लिखे पत्र में यह जानकारी दी है। मंत्रालय ने राज्यों को रेमडेसिविर की निर्बाध आपूर्ति व आवागमन सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है। आने वाले दिनों में किल्लत कम हो जाएगी।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,46,786 नए मामले सामने आए और 2,624 मरीजों की मौत हुई। ये देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले और मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,66,10,481 हो गई है। इनमें से 1,89,544 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या 25 लाख के आंकड़े को पार करके 25,52,940 हो गई है।