कोरोना वायरस: छत्तीसगढ़ में सामने आया अमानवीय चेहरा, कचरे की गाड़ी में लादे जा रहे शव
देश में चल रही कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने जहां कई राज्यों में चिकित्सकीय व्यवस्था को कमजोर कर दिया है, वहीं मानवता भी शर्मसार होने लगी है। कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वालों को मौत के बाद भी सम्मान नसीब नहीं हो रहा है। ऐसा ही मामला सामने आया है छत्तीसगढ़ में, जहां राजनंदगांव जिले में कोरोना से मौत के बाद शवों को एंबुलेंस की जगह कचरा फेंकने वाले वाहन में मुक्तिधाम ले जाया गया।
छत्तीसगढ़ में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। यहां बुधवार को 14,250 नए मामले सामने आए हैं और 120 से अधिक मरीजों की मौत हुई है। इसके साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4,86,244 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 5,307 की मौत हो चुकी है और 3.62 लाख उपचार के बाद ठीक हो गए। राज्य में वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1.18 लाख पर पहुंच गई है।
ऑक्सीजन की कमी से हुई दो बहनों सहित चार मरीजों की मौत
इंडिया टुडे के अनुसार राजनंदगांव जिले के डोंगरगांव कोरोना केयर सेंटर में 13 अप्रैल को कोरोना संक्रमित दो सगी बहनों समेत तीन लोगों को भर्ती कराया गया था। इन तीनों की ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई थी। इसी तरह डोंगरगांव के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी एक व्यक्ति की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हो गई थी। इसके बाद चिकित्सालय प्रशासन ने शवों के अंतिम संस्कार में मानवता को शर्मसार कर दिया।
एंबुलेंस की जगह कचरा वाहन में भेजे गए शव
तीनों कोरोना संक्रमितों की मौत के बाद डोंगरगांव कोरोना केयर सेंटर के कर्मचारियों ने शवों के स्टोरेज की व्यवस्था नहीं होने के कारण परिजनों को सूचना देकर उनके शवों को मुक्तिधाम पहुंचाने की सूचना दे दी। इसके बाद कर्मचारियों ने एंबुलेंस की जगह चारों शवों को कचरा फेंकने वाली गाड़ी में भरकर मुक्तिधाम भेज दिया। इस मामले की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इन तस्वीरों पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
अस्पतालों में आई बेडों की कमी
तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों के बाद अब अस्पतालों में बेडों की कमी आने लगी है। इसको देखते हुए राजनंदगांव के प्रेस क्लब ने अपने परिसर को एक कोरोना केंद्र में बदल दिया है। यहां संक्रमितों का इलाज मुफ्त किया जा रहा है। प्रेस क्लब के सदस्यों ने सामान्य लक्षण वाले रोगियों के लिए 30 बेडों की व्यवस्था की है। राजधानी रायपुर में सभी ICU और ऑक्सीजनयुक्त बेड पिछले एक सप्ताह से 100 प्रतिशत भरे हुए हैं।
मृतकों के परिजनों से वसूले जा रहे 2,500 रुपये
शवों को कचरा वाहनों में भेजे जाने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों से शव के स्टोरेज तथा श्मशान तक पहुंचाने के लिए वाहन पर होने वाले खर्च के लिए 2,500 रुपये अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं।
शवों के लिए वाहनों की व्यवस्था करना नगर पंचायत की जिम्मेदारी
शवों को कचरा वाहन में ले जाने के मामले में राजनंदगांव के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ मिथलेश चौधरी ने कहा कि मरीजों का ऑक्सीजन लेवल बेहद कम था। ऐसे में उन्हें नहीं बचाया जा सका। कचरा वाहन से शव ले जाने के मामले में उन्होंने कहा कि शव ले जाने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी CMO और नगर पंचायत की है। वो ही अंतिम संस्कार के लिए शवों को मुक्तिधाम ले जाते हैं।