
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वापस लिया 'ऑपरेशन सिंदूर' शब्द के ट्रेडमार्क पंजीकरण का आवेदन
क्या है खबर?
मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बुधवार (7 मई) को भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' को वर्ड मार्क (शब्द चिन्ह) के रूप में पंजीकृत करने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्री कार्यालय में दाखिल किए अपने आवेदन वापस ले लिया है।
कंपनी ने इस शब्द का पंजीकरण वर्ग 41 के अंतर्गत 'वस्तुओं और सेवाओं' के लिए मांगा था, जिसमें शिक्षा और मनोरंजन सेवाएं शामिल हैं।
हालांकि, बाद में कंपनी ने आवेदन वापस ले लिया।
मांग
इन्होंने भी किया है आवेदन
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा तीन अन्य व्यक्तियों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को वर्ड मार्क के रूप में पंजीकृत करने लिए आवेदन किया है।
इनमें इन्वेंशन रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मुकेश चेतराम अग्रवाल, ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ओबेर (सेवानिवृत्त) और आलोक कोठारी शामिल हैं।
बता दें कि पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा किए गए इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुझाया था।
कारण
कंपनी ने क्या बताया आवेदन वापस लेने का कारण?
रिलायंस कंपनी ने आवेदन वापस लेने का कारण स्पष्ट करते हुए बताया कि अब उनका 'ऑपरेशन सिंदूर' शब्द को ट्रेडमार्क कराने का कोई इरादा नहीं है। यह शब्द अब भारतीय वीरता और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बन चुका है और इसे ट्रेडमार्क करने का विचार भी कंपनी के मूल्यों के खिलाफ है।
इसके साथ ही अब इस शब्द को ट्रेड मार्क कराने वालों की सूची में 3 ही नाम रह गए हैं। देखना रोचक होगा की यह किसे मिलता है।
सफलता
भारत के ऑपरेशन में हुई 80 से अधिक आतंकियों की मौत
भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और PoK में स्थिति बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भीमबर, चक अमरू, बाग, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद में मिसाइल हमले किए।
इन जगहों पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकाने और कैंप संचालित थे।
हमले में विभिन्न आतंकी संगठनों के 80 से अधिक आतंकी मारे गए और उनके ठिकाने भी तबाह हो गए हैं। इसे भारत का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।