चिनाब पुल पर दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, जानें दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल की विशेषताएं
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को चिनाब नदी के ऊपर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह पुल कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों के साथ जोड़ने में अहम भूमिका अदा करेगा। उन्होंने आगे कहा कि पुल के सभी ट्रायल पूरे होने के बाद इस पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन भी किया जाएगा। आइए जानते हैं कि चिनाब पुल की क्या विशेषताएं हैं।
एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है चिनाब पुल
जम्मू-कश्मीर के रायसी जिले में स्थित चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है जो नदी के तल के स्तर से 359 मीटर (1,178 फीट) ऊपर स्थित है। यह फ्रांस की राजधानी में स्थित एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है। इस पुल की कुल लंबाई 1,315 मीटर है और यह भारतीय रेलवे की उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (USBRL) का एक अहम हिस्सा है। गौरतलब है कि पुल को मैसर्स कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड ने तैयार किया है।
यहां देखें पुल के निरिक्षण का वीडियो
पुल पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है ट्रेन
चिनाब पुल के निर्माण में लगभग 28,660 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाली हवाओं का भी मुकाबला कर सकता है। पुल में रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता के भूकंप को सहने की क्षमता भी है। यह पुल करीब 120 साल तक खड़ा रह सकता है और पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। इसे बनाने में 1,486 करोड़ रुपये खर्च हुए।
क्या हैं पुल की अन्य विशेषताएं?
पुल के ढांचे के विभिन्न भागों को जोड़ेने के लिए लगभग 584 किलोमीटर वेल्डिंग की गई है जो जम्मू तवी से दिल्ली की दूरी के बराबर है। कंक्रीट और स्टील से बने इस पुल को ब्लास्ट-प्रूफ बनाने में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) से परामर्श लिया गया था। गौरतलब है कि इस पुल में 12 खंभें हैं और किसी एक खंभे को हटाने के बाद भी यह पुल 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लिए उपयोगी रहेगा।
पुल पर कब तक शुरु होगा परिचालन?
चिनाब पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2004 में एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में शुरू हुआ और इसके 2009 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि, सुरक्षा कारणों के चलते इस पुल का निर्माण कार्य कई बार रोका गया। तमाम रुकावटों के बाद यह पुल पिछले साल अगस्त में बनकर तैयार हो गया था। भारतीय रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, रेलवे पुल पर इस साल दिसंबर या जनवरी 2024 में ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा।
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