ओडिशा: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के दौरान बिजली गायब, अंधेरे में सुनते रहे लोग
ओडिशा के मयूरभंज में एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के दौरान बिजली गुल हो गई। इससे कार्यक्रम स्थल पर करीब 9 मिनट तक अंधेरा छाया रहा। हालांकि, बिजली जाने के बाद भी राष्ट्रपति ने अपना संबोधन जारी रखा और लोग उन्हें सुनते रहे। बता दें कि राष्ट्रपति मयूरभंज के महाराजा श्रीराम चंद्र भांजा देव विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए ओडिशा पहुंची थीं।
विश्वविद्यालय सुंदरता के साथ अंधेरे में भी है- राष्ट्रपति
बिजली गुल होने के बाद भी पोडियम से थोड़ी रोशनी राष्ट्रपति तक आ रही थी और माइक भी चालू था, इसलिए उन्होंने अपना संबोधन जारी रखा। उन्होंने कहा, "बिजली हमारे साथ लुकाछुपी खेल रही है। विश्वविद्यालय अपनी सुंदरता के साथ-साथ अंधेरे में भी है।" सभागार में मौजूद लोग भी उन्हें धैर्यपूर्वक सुनते रहे। करीब 9 मिनट बाद बिजली दोबारा आई। ये पूरा मामला दोपहर 11.56 बजे से 12.05 बजे तक का बताया जा रहा है।
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विश्वविद्यालय के उपकुलपति ने मांगी माफी
विश्वविद्यालय के उप कुलपति संतोष कुमार त्रिपाठी ने इस घटना पर मांफी मांगी है। उन्होंने कहा, "मैं इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए खुद को दोषी मानता हूं। हम इसके लिए शर्मिंदा हैं। हम निश्चित रूप से घटना की जांच करेंगे और घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य के स्वामित्व वाली औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड ने इस आयोजन के लिए जनरेटर की आपूर्ति की थी। हम उनसे इसके बारे में बात करेंगे।"
समाज को आदिवासियों के विकास के लिए आगे आना होगा- राष्ट्रपति
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आदिवासियों के विकास के लिए समाज से आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा, "भारत में 75 प्रकार के आदिवासी हैं, जिसमें से सबसे अधिक 13 प्रकार के आदिवासी केवल मयूरभंज में रहते हैं। विकास के क्षेत्र में हम 50 कदम आगे चले गए हैं, मगर वे कल जहां थे, आज भी वहीं हैं। ऐसे में केवल सरकार के ऊपर दायित्व छोड़ना ठीक नहीं होगा, हमे भी उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए।"
तीन दिवसीय ओडिशा दौरे पर हैं द्रौपदी मुर्मू
बता दें कि राष्ट्रपति तीन दिवसीय ओडिशा दौरे पर हैं। ये उनका गृह राज्य भी है। राष्ट्रपति बनने के बाद वे पहली बार अपने गृहराज्य आई हैं। उन्होंने गुरुवार को मयूरभंज जिले के हाटबद्र गांव में ब्रह्म कुमारिस सेंटर के 'नशा मुक्त ओडिशा' अभियान की शुरुआत की थी। शुक्रवार को उन्होंने सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया था और जंगल सफारी का आनंद लिया था। वे रायरंगपुर स्थित अपने घर पर भी रात रुकी थीं।
देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं द्रौपदी मुर्मू
मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने 25 जुलाई, 2022 को 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में जन्मी द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं। भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने क्लर्क के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। वे 6 साल से ज्यादा समय तक झारखंड की राज्यपाल रही हैं।