नोएडा में प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया, राकेश टिकैत ने दी चेतावनी
अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 'दिल्ली चलो' मार्च के स्थगित होने के बाद नोएडा के अंबेडकर पार्क में प्रदर्शन कर रहे किसानों को मंगलवार को पुलिस ने खदेड़ दिया। इस दौरान पुलिस ने विभिन्न संगठनों के करीब 100 किसानों को हिरासत में भी ले लिया। इससे किसानों में फिर से रोष पैदा हो गया है। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बड़े संघर्ष की चेतावनी दी है।
पुलिस ने कैसे दिया कार्रवाई को अंजाम?
इंडिया टुडे के अनुसार, सोमवार को नोएडा अथॉरिटी के पदाधिकारियों के साथ बातचीत में मांगों पर अपेक्षित कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने 7 दिन के लिए अपना 'दिल्ली मार्च' स्थगित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों की अनुमति से अपने प्रदर्शन के अस्थायी रूप से अंबेडकर पार्क में स्थानांतरित कर दिया था। मंगलवार दोपहर में बड़ी संख्या में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसानों को खदेड़ दिया और 100 किसानों को हिरासत में ले लिया।
किसानों को लक्सर जेल भेजने की तैयारी में है पुलिस
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस किसानों को 5 बसों में बैठाकर ले गई है और सभी किसानों को लक्सर जेल भेजने की तैयारी कर रही है। हालांकि, हिरासत में लिए गए किसानों की मौजूदा स्थिति के बारे में कोई सूचना नहीं आई है। इधर, पुलिस की इस कार्रवाई के बाद नई दिल्ली क्षेत्र में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इस घटना से देशभर के किसानों में रोष नजर आ रहा है।
टिकैत ने किया नोएडा पहुंचने का ऐलान
इस घटना के बाद किसान नेता टिकैत ने फेसबुक लाइव के जरिए 2 घंटे में नोएडा पहुंचने और बैठक करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के अधिकारों को कुचलना चाहती है और आंदोलन को देश के खिलाफ बताती है। उन्होंने आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लेते हुए कहा कि किसानों की आवाज नहीं दबाई जा सकती है। अब देश में एक बड़ा संघर्ष देखने को मिलेगा। वह किसानों से मिलने नोएडा पहुंच रहे हैं।
कांग्रेस ने की कार्रवाई की आलोचना
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने किसानों के विरोध प्रदर्शन से निपटने के तरीके को लेकर भाजपा सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा, "जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, उन्होंने एक भी ऐसा फैसला नहीं लिया जो भारत के किसानों के हित में हो। किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें व्यक्त करने का मौलिक अधिकार है।" इस दौरान उन्होंने किसानों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि कानून-व्यवस्था में कोई व्यवधान न करें।
BKU ने सिसौली में बुलाई आपात बैठक
BKU ने सभी किसानों से एकजुट होने की अपील की है। BKU की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'आप सभी को अवगत कराया जाता है कि नोएडा में भूमि अधिग्रहण के विषय पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनल तले आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस प्रशासन द्वारा अंबेडकर पार्क से अनुचित तरीके से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह तानाशाही किसान की आवाज को नहीं दबा सकती है। किसानों को एकजुट होना पड़ेगा।'
किसानों की क्या है मांग?
किसानों की मांग है कि पुराने अधिग्रहण कानून के तहत 10 प्रतिशत विकसित भूखंडों का आवंटन किया जाए। साथ ही 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा मिले। गोरखपुर की तरह 1 जनवरी, 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार की दर से 4 गुना मुआवजा और 20 प्रतिशत भूखंड दिया जाए। भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास का फायदा मिले और हाई पावर कमेटी द्वारा पारित मुद्दों पर सरकार आदेश जारी हो और आबादी वाले क्षेत्रों का विकास हो।