किसान आंदोलन के तीन महीने: आज कृषि मंत्री के घर का घेराव करेगी किसान कांग्रेस
क्या है खबर?
केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं चल रहे किसानों के आंदोलन को शुक्रवार को तीन महीने पूरे हो गए हैं।
हालांकि, किसान और सरकारों के बीच अभी तक भी बात नहीं बन पाई है। ऐसे में किसान कांग्रेस ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर और कार्यालय का घेराव करने का निर्णय किया है।
इससे पहले कार्यकर्ता AICC मुख्यालय पर एकत्र होकर घेराव की योजना बनाएंगे।
मुद्दा
क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।
स्थिति
वर्तमान में यह है किसान आंदोलन की स्थिति
किसानों ने 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन शुरू किया था। उसके बाद सरकार और किसानों के बीच 12 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन उसमें कोई हल नहीं निकला।
सरकार संशोधन को तैयार है, लेकिन किसान कानून रद्द कराने पर अड़े हैं। किसानों ने मांगों को लेकर 26 जनवरी ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें जमकर हिंसा हुई।
उसके बाद किसानों ने 6 फरवरी को चक्का जाम और 18 फरवरी को रेल रोको अभियान आयोजित किया था।
घेराव
कृषि मंत्रालय के किया जाएगा घेराव- सोलंकी
किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सोलंकी ने कहा कि किसानों की मांगों को बुलंद करने के लिए कृषि मंत्रालय और कृषि मंत्री के घर का घेराव किया जाएगा।
उन्होंने कहा जब से किसानों ने दिल्ली बॉर्डर को धरना स्थल बनाया है, तब से किसान कांग्रेस उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्हें हर तरीके से समर्थन किया जा रहा है। पिछले 91 दिनों में एक भी दिन नहीं गया जब किसान कांग्रेस उनके साथ खड़ी नहीं रही हो।
जानकारी
किसान आंदोलन में अब तक हुई 215 किसानों की मौत
सोलंकी ने दावा किया कि 215 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। मोदी सरकार से एक-एक करोड़ रूपये के मुआवजे की मांग की गई है, लेकिन सरकार अनसुनी कर रही है। आंदोलन को देश ही नहीं विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है।
वेबीनार
किसानों का ग्लोबल वेबीनार आज
इधर, किसान संगठन आज आंदोलन में युवाओं के योगदान का सम्मान करते हुए 'युवा किसान दिवस' आयोजित करेंगे।
इसी तरह सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक ग्लोबल लाइव वेबिनार आयोजित किया जाएगा। इसमें दुनियाभर के किसान नेता शामिल होंगे।
किसान वेबिनार की जानकारी किसान एकता मोर्चा के ट्विटर हैंडल पर शेयर की गई है। वेबिनार के लिए न्ययॉर्क, मेलबर्न, कैलिफोर्निया और ब्रिटेन का भी समय शेयर किया गया है।
चेतावनी
राकेश टिकैत ने दी संसद का घेराव करने की चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसान 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ संसद का घेराव करेंगे।
किसानों से तैयार रहने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली मार्च का आह्वान कभी भी किया जा सकता है और इसकी तारीख संयुक्त किसान मोर्चा तय करेगा। टिकैत ने कंपनियों के गोदामों को ध्वस्त करने की चेतावनी भी दी।
उम्मीद
किसान यूनियनों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से है उम्मीद
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने गुरुवार को मुंडेरवा में आयोजित महापंचायत कहा कि सरकार अगर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत करने की आजादी दे तो सम्मानजक फैसला हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह एक किसान है वह किसानों की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। वह चंदौली से हैं और सामान्य भावना से किसानों की भावना समझ सकते हैं।
आरोप
टिकैत ने सरकार पर लगाए आरोप
टिकैत ने कहा, "किसान राजनाथ सिंह का सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार उन्हें मौका नहीं दे रही है। यह सरकार जिद्दी है, सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए और अपना रवैया बदलना चाहिए।"
उन्होंने भाजपा पर हिन्दू-मुसलमान के बीच फूट डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले हिंदू और मुस्लिम एक साथ प्रेम से रहते थे। कोई किसी का विरोध नहीं करता था, लेकिन भाजपा ने मुसलमानों को लेकर भ्रांतियां फैलाई और फूट डाल दी।
जानकारी
कृषि मंत्री ने फिर दिया वार्ता का प्रस्ताव
इधर, कृषि मंत्री तोमर ने बुधवार को कहा कि सरकार किसानों से पूरी संवेदना के साथ चर्चा करती रही है। आज भी सरकार हमेशा किसानों के साथ चर्चा करने को तैयार है। वह किसानों से हर मुद्दे पर वार्ता के लिए तैयार हैं।