रूस-यूक्रेन युद्ध में कोई नहीं जीतने वाला, इसलिए हम शांति के पक्ष में- जर्मनी में मोदी
क्या है खबर?
तीन दिन के यूरोप दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जर्मनी में कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध में कोई नहीं जीतने वाला और इसलिए वह शांति के पक्ष में है।
उन्होंने कहा कि भारत इस युद्ध को लेकर बेहद चिंतित है और इससे सभी को नुकसान होगा।
उन्होंने कहा, "हमने सीजफायर पर जोर दिया है और बातचीत करने को कहा है क्योंकि ये इस विवाद को सुलझाने का एकमात्र तरीका है।"
बयान
दुनियाभर में हर परिवार पर पड़ रहा युद्ध का असर- प्रधानमंत्री
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और दुनिया के कई हिस्सों में अनाज और खाद की कमी भी हुई है।
उन्होंने कहा कि इस युद्ध से दुनियाभर में हर परिवार पर बोझ पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस घटनाक्रम का विकासशील और गरीब देशों पर खास तौर पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।
बयान
प्रधानमंत्री ने युद्ध के कारण पैदा हुए मानवीय संकट पर भी जताई चिंता
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुआ मानवीय संकट पर भी चिंता जारी की। 24 फरवरी को शुरू हुए इस युद्ध में अब तक लाखों यूक्रेनी लोग अपने ही देश से विस्थापित हो चुके हैं, वहीं हजारों मारे गए हैं।
जर्मन चांसलर
चांसलर स्कोल्ज ने साधा रूस पर निशाना
जर्मन चांसलर स्कोल्ज ने अपने संबोधन में रूस पर निशाना साधते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध ने नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को खतरे में डाला है और यूक्रेन पर हमला करके रूस ने अंतरराष्ट्रीय कानून के मूल सिद्धांत का उल्लंघन किया है। उन्होंने रूस के संयुक्त राष्ट्र (UN) चार्टर का उल्लंघन करने की बात भी कही।
चांसलर स्कोल्ज ने कहा कि उनमें और प्रधानमंत्री मोदी में सहमति बनी है कि देशों की संप्रभुता पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए।
समझौता
जलवायु परिवर्तन के संबंध में मदद के लिए भारत को 10 अरब यूरो देगा जर्मनी
प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर स्कोल्ज की बातचीत के बाद भारत और जर्मनी के बीच एक समझौता भी हुआ। इसके तहत जलवायु परिवर्तन से संबंधित निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए जर्मनी भारत को 10 अरब यूरो की मदद देगा। इस पैसे से भारत में हरित विकास योजनाएं चलाई जाएंगी।
भारत ने 2030 तक 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतें रिन्यूएबल स्रोतों से पूरा करने और 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म बिजली की क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा है।
यूरोप दौरा
यूरोप दौरे में डेनमार्क और फ्रांस भी जाएंगे मोदी
बता दें कि अपने यूरोप दौरे में प्रधानमंत्री मोदी डेनमार्क और फ्रांस भी जाएंगे। जर्मनी के बाद अब वे डेनमार्क पहुंचेंगे और वहां के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
इसके बाद अंत में भारत लौटते समय मोदी फ्रांस की राजधानी पेरिस में रुकेंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे। मैक्रों को दोबारा राष्ट्रपति बनने की बधाई देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री उनके साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।
मोदी 65 घंटे के दौरे में कुल 25 बैठकें करेंगे।