प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना, देश के 508 स्टेशनों का होगा कायाकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अमृत भारत स्टेशन योजना की शुरुआत की। इस योजना के जरिए देशभर के 1,309 स्टेशन का कायाकल्प किया जाएगा। पहले चरण में 508 स्टेशनों को शामिल किया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा है और आज भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है।
पहले चरण में देश के सभी राज्य शामिल
प्रधानमंत्री ने आज जिन 508 स्टेशनों की आधारशिला रखी है, वो देश के सभी 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात और तेलंगाना में 21-21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।
यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, योजना के जरिए स्टेशनों को सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। इनमें स्टेशन भवनों का पुनर्विकास, यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं, बेहतर यातायात और पार्किंग व्यवस्था जैसे प्रावधान शामिल हैं। स्टेशन बिल्डिंग के डिजाइन में स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला की झलक दिखाई देगी। स्टेशनों के मेट्रो और बस स्टैंड से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में शामिल स्टेशनों का काम 6-8 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
योजना पर खर्च होंगे 24,470 करोड़ रुपये
योजना को अलग-अलग चरणों में लागू किया जाएगा, जिसमें कुल 24,470 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पहले चरण में 508 स्टेशनों का काम शुरू होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "इन स्टेशनों का विकास हमारी सरकार का एक प्रमुख फोकस है। प्रधानमंत्री निजी रूप से इन रेलवे स्टेशनों की प्रगति की निगरानी कर रहे हैं।" रेल मंत्री ने कहा कि योजना का बड़ा चैलेंज है कि रेलवे परिचालन को छेड़छाड़ किए बिना स्टेशनों का कायाकल्प किया जाएगा।
रेल मंत्री बोले- अगले 50 साल का मास्टर प्लान है योजना
रेल मंत्री ने योजना को रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए मास्टर प्लान बताया। उन्होंने कहा, ''इस पुनर्विकास पहल का फोकस यह सुनिश्चित करना है कि ये स्टेशन अगले 50 सालों तक यात्रियों की जरूरतों को पूरा कर सकें। योजना में 3 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया है और अपने इनपुट दिए हैं कि वे भारत के भविष्य और विशेष रूप से भारतीय रेलवे के भविष्य की कल्पना कैसे करते हैं।"