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प्रधानमंत्री ने INS सूरत, नीलगिरी और वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया, क्या है खासियत? 
प्रधानमंत्री ने 2 युद्धपोत और एक पनडुब्बी को नौसेना में शामिल किया

प्रधानमंत्री ने INS सूरत, नीलगिरी और वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया, क्या है खासियत? 

लेखन आबिद खान
Jan 15, 2025
11:47 am

क्या है खबर?

भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ गई है। सेना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर को आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल किया। मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में प्रधानमंत्री ने इन 2 युद्धपोत और एक पनडुब्बी को नौसेना को सौंपा। नौसेना ने इस कदम को भारत की स्वदेशी जहाज निर्माण यात्रा में एक बड़ी छलांग कहा है। आइए इन तीनों की खासियत जानते हैं।

बयान

प्रधानमंत्री बोले- आज का दिन नौसेना के लिए खास

प्रधानमंत्री ने कहा, "आज भारत की समुद्री विरासत नौसेना के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए बहुत बड़ा दिन है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य दिया था, नया विजन दिया था। आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नौसेना को सशक्त करने की तरफ हम बहुत बड़ा कदम उठा रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और सबमरीन को एकसाथ नौसेना को सौंपा जा रहा है।"

ट्विटर पोस्ट

नौसेना ने साझा किया युद्धपोत और पनडुब्बी का वीडियो

INS नीलगिरी

INS नीलगिरी की क्या है खासियत?

ये P17A स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला जहाज है और 1996 में सेवानिवृत्त किए गए INS नीलगिरी का आधुनिक संस्करण है। इसे नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। 149 मीटर लंबा ये युद्धपोत अत्याधुनिक सेंसर और हथियारों से लैस है। इस पर से चेतक, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर और MH-60R हेलिकॉप्टर का संचालन किया जा सकता है। यह एयर डिफेंस गन और 8 लंबी दूरी की सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल से लैस है।

INS सूरत

INS सूरत कितना खास है?

ये P15B गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और आखिरी जहाज है। 164 मीटर लंबा ये युद्धपोत 55 समुद्री मील की अधिकतम रफ्तार के साथ 7,400 टन भार ढो सकता है। इसमें आधुनिक नेटवर्क और वेपन सेंसर प्रणाली लगी है। खास बात है कि इसकी 75 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है। सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के अलावा इसमें सतह से हवा में मार करने वाले 2 वर्टिकल लॉन्चर भी हैं। इसमें ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम भी है।

वाघशीर पनडुब्बी

कितनी ताकतवर है वाघशीर पनडुब्बी?

यह परियोजना 75 के तहत स्कॉर्पीन श्रेणी की छठी और आखिरी पनडुब्बी है। पानी के अंदर इसकी रफ्तार 35 और सतह पर 20 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह एक साथ 18 टॉरपिडो या एंटी शिप मिसाइल लोड कर सकती है। इसके अलावा यह एंटी-सरफेस वॉर, एंटी-सबमरीन वॉर, वायर-गाइडेड टॉरपीडो, एंटी-शिप मिसाइल और एडवांस सोनार सिस्टम से लैस है। इसे बनाने में फ्रांस के नेवी ग्रुप की मदद ली गई है।

श्रमता

50 दिनों तक पानी के भीतर रह सकती है वाघशीर

वाघशीर पनडुब्बी सतह-विरोधी जहाज युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी एकत्र करने, खदान बिछाने और निगरानी करने समेत कई कामों को अंजाम दे सकती है। इसमें 8 सैन्य अधिकारी और 35 अन्य कर्मी तैनात किए जा सकते हैं। यह 50 दिनों तक पानी में रह सकती है। निश्चित गति पर ये एक बार में 12,000 किलोमीटर का सफर तय कर सकती है। गहरे समुद्र में रहने वाली एक शिकारी मछली के नाम पर पनडुब्बी को वाघशीर नाम मिला है।