बड़े स्तर पर कार्रवाई के बाद PFI पर लगा 5 साल के लिए प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने मंगलवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इसके सभी सहयोगी संगठनों और मोर्चों पर प्रतिबंध लगा दिया है। गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत लगाया गया यह प्रतिबंध पांच साल तक लागू रहेगा। इसके साथ ही PFI उन 42 संगठनों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्हें UAPA की धारा 35 के तहत प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित किया गया है। PFI के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से कार्रवाई जारी थी।
आतंकी संगठनों से पाए गए PFI के संबंध- अधिसूचना
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में PFI के साथ-साथ इसके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल, नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन, नेशनल वूमेन्स फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन केरल को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि PFI के स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI), जमात-उल-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (JMB) और इस्लामिक स्टेट (IS) से संबंध पाए गए हैं।
PFI के गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने की बात
बीते दिन जारी हुए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि PFI और इससे जुड़े संगठन गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं, जो देश की एकता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा हो सकती हैं। इन गतिविधियों के कारण सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सौहार्द भंग होने का भी खतरा है। नोटिफिकेशन के अनुसार, सामाजिक, शैक्षिक और राजनीतिक संगठन की आड़ में PFI समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टरपंथी बनाने का गुप्त एजेंडा चला रहा है।
PFI के ठिकानों पर हुई थी बड़ी छापेमारी
बीते एक हफ्ते में अलग-अलग राज्यों में PFI से जुड़े सैकड़ों ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। पिछले गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर 10 से अधिक राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी कर 100 नेताओं और पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मंगलवार को भी आठ राज्यों में पुलिस ने छापेमारी कर PFI के करीब 200 नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था।
PFI को कट्टरपंथी संगठन बता चुका है केरल हाई कोर्ट
PFI पर पिछले काफी समय से देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजरें टिकी हुई थीं। रामनवमी के मौके पर देश के कई हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे भी PFI का हाथ होने की बात सामने आई थी। इसी साल मई में केरल हाई कोर्ट ने कहा था कि PFI और इसकी राजनीतिक शाखा SDPI कट्टरपंथी संगठन है और हिंसा के कई गंभीर मामलों में इनका नाम सामने आया है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है जो खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है। यह पहली बार 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के नाम से अस्तित्व में आया था। तब उसने संगठन ने दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थीं। कई सांप्रदायिक हिंसाओं में PFI का नाम आ चुका है और सरकार PFI पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही थी।