संसद की सुरक्षा में चूक: 5वां आरोपी गिरफ्तार, सभी पर लगाया गया UAPA
लोकसभा की सुरक्षा में चूक मामले में 5वें संदिग्ध विशाल शर्मा को भी पकड़ लिया गया है, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120B और 452 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस की पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि कैसे यह सभी आरोपी सुनियोजित तरीके से संसद में घुसे थे।
क्या है मामला?
बुधवार को 2 युवक दर्शक दीर्घा से अचानक लोकसभा में कूद गए थे और बेंच पर कूदते हुए गैस कनस्तर से पीले रंग की गैस उड़ाई थी। तभी सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। ये दोनों ही भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के नाम से जारी विजिटर पास के जरिए संसद भवन में दाखिल हुए थे। सदन के बाहर भी 2 लोगों ने गैस कनस्तर छोड़े और उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया।
कौन हैं 6 आरोपी और कैसे एक-दूसरे से थे जुड़े?
सभी आरोपी अलग-अलग राज्यों के हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार, सभी आरोपी भगत सिंह फैन क्लब नाम के सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़े हुए थे। इन आरोपियों के नाम सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम देवी, अमोल शिंदे, विशाल शर्मा और ललित झा हैं। विशाल और उसकी पत्नी राखी को हरियाणा के गुरुग्राम से पकड़ लिया गया है, जबकि ललित फरार है। हमले से पहले ये सभी गुरुग्राम के सेक्टर 7 में विशाल के किराए के घर पर रुके थे।
आरोपियों ने बताया, क्यों लोकसभा में घुसे?
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि सभी 5 आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह सभी किसान आंदोलन, मणिपुर हिंसा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर परेशान थे। आरोपियों का कहना है कि उन्होंने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए गैस स्प्रे का इस्तेमाल किया, ताकि कानून निर्माता इन मुद्दों पर चर्चा कर सकें। हालांकि, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि वे किसी संगठन के लिए काम करते थे या नहीं।
कैसे रची गई साजिश?
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह सभी करीब डेढ़ साल पहले मैसूर में मिले थे और योजना पर चर्चा की। फिर सभी 9 महीने पहले चंडीगढ़ हवाई अड्डे के पास किसान आंदोलन में मिले। एक सदस्य ने मार्च में संसद में प्रवेश कर परिसर की रेकी की थी। इसके बाद जुलाई में दिल्ली में आकर दोबारा सुरक्षा व्यवस्था की विस्तृत टोह ली गई। इस दौरान उन्होंने गौर किया कि जूतों की जांच सही से नहीं होती है।
कैसे संसद में घुसे थे आरोपी?
लोकसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान सागर और मनोरंजन बुधवार को दर्शक दीर्घा से अचानक सदन में कूद गए और बेंच पर कूदते हुए गैस कनस्तर से पीले रंग की गैस उड़ा दी। तभी सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले किया। ये दोनों ही भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के नाम से जारी विजिटर पास के जरिए संसद भवन में दाखिल हुए थे। पुलिस ने 2 लोगों को सदन के बाहर से भी गिरफ्तार किया था।
अधिकारी बोले- सभी आरोपियों की एक जैसी विचारधारा
एक अधिकारी ने कहा, "सभी आरोपियों की विचारधारा एक जैसी है, इसलिए उन्होंने सरकार को एक संदेश देने का फैसला किया। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उन्हें किसी व्यक्ति ने या किसी संगठन ने निर्देश दिया था।"
संसद सुरक्षा प्रोटोकॉल में बदलाव किया गया
लोकसभा की सुरक्षा में चूक के बाद से लगातार संसद की सुरक्षा व्यवस्था में कई बदलाव किए जा रहे हैं। सांसदों और आगंतुकों के बीच किसी भी संपर्क को कम करने के लिए नए संसद भवन के सुरक्षा प्रोटोकॉल में बदलाव किया गया है। इसके अलावा मीडिया ब्रीफिंग सेंटर के रूप में एक समर्पित स्थान स्थापित किया गया है। लोकसभा सचिवालय ने सांसदों के लिए स्मार्ट पहचान पत्र और चेहरे की पहचान प्रणाली के भी निर्देश जारी किए हैं।
गृह मंत्रालय ने जांच के दिए आदेश
गृह मंत्रालय ने सुरक्षा उल्लंघन की जांच के आदेश दिए हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में एक पैनल गठित किया गया है, जिसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ शामिल हैं।
आरोपी नीलम के समर्थन में आए किसान संगठन
संसद के बाहर से पकड़ी गई महिला आरोपी नीलम हरियाणा के जींद की है। यहां के किसान उसके समर्थन में उतर आए हैं और आज उसे रिहा करने के लिए विरोध-प्रदर्शन करेंगे। किसान नेता आजाद पालव ने कहा कि नीलम बेटी ने सही किया है क्योंकि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। इस बीच नीलम के परिवार का कहना है कि उसने अनुसंधान कार्यक्रम M.Phil पूरा कर लिया है और वह नौकरी न मिलने से काफी तनावग्रस्त थी।