
भारत ने ड्रोन-रोधी प्रणाली 'भार्गवास्त्र' का किया सफल परीक्षण; जानें ये कितना ताकतवर, क्या है खासियत?
क्या है खबर?
पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत ने स्वदेशी ड्रोन-रोधी प्रणाली 'भार्गवास्त्र' का सफर परीक्षण किया है। ओडिशा के गोपालपुर में 13 मई को किए गए परीक्षण के वीडियो भी सामने आए हैं। इस दौरान 'भार्गवास्त्र' ने सफतलापूर्व लक्ष्यों को मार गिराया।
हालिया तनाव के दौरान जिस तरह से पाकिस्तान ने ड्रोन का इस्तेमाल किया था, उसे देखते हुए 'भार्गवास्त्र' को काफी अहम माना जा रहा है।
आइए इसकी खासियत जानते हैं।
'भार्गवास्त्र
क्या है भार्गवास्त्र?
'भार्गवास्त्र' एक कम लागत वाली ड्रोन-रोधी प्रणाली है, जिसे सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) ने विकसित किया है। यह छोटे रॉकेट के जरिए ड्रोन के हमले को नाकाम करने में सक्षम है।
रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (EO/IR) सेंसर और RF रिसीवर से लैस ये प्रणाली एक साथ दुश्मन के कई ड्रोन को नष्ट कर सकती है।
इसे 5,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित अलग-अलग इलाकों में तेजी से तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है।
खासियत
'भार्गवास्त्र' की खासियत क्या है?
'भार्गवास्त्र' 6 किलोमीटर या उससे अधिक दूर से ही ड्रोन का पता लगा सकता है।
'भार्गवास्त्र' उन्नत C4I (कमांड, कंट्रोल, कम्यूनिकेशंस, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस) की खासियत से लैस है।
इसका रडार 6 से 10 किलोमीटर दूर के हवाई खतरों का पता लगाकर उन्हें बेअसर कर सकता है।
ये ढाई किलोमीटर के दायरे में छोटे ड्रोन का पता लगाने में भी सक्षम है।
इसमें जैमिंग और स्पूफिंग को शामिल करने के लिए एक अतिरिक्त लेयर बढ़ाई जा सकती है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें 'भार्गवास्त्र' के परीक्षण का वीडियो
#WATCH | A new low-cost Counter Drone System in Hard Kill mode 'Bhargavastra', has been designed and developed by Solar Defence and Aerospace Limited (SDAL), signifying a substantial leap in countering the escalating threat of drone swarms. The micro rockets used in this… pic.twitter.com/qM4FWtEF43
— ANI (@ANI) May 14, 2025
काम
कैसे काम करता है 'भार्गवास्त्र'?
'भार्गवास्त्र' के रडार और सेंसर 6-10 किलोमीटर के दायर में मौजूद हवाई खतरों का पता लगाते हैं।
एक बार ड्रोन या लक्ष्य का पता लगने के बाद सेंसर उसे ट्रैक करते हैं और उनकी पहचान करते हैं। इसके बाद ऑपरेटर एक साथ कई लक्ष्य को हमले के लिए चुन सकते हैं।
फिर 'भार्गवास्त्र' की पहली परत बिना निर्देशित सूक्ष्म रॉकेट छोड़ती है, जो 20 मीटर का दायरा बनाकर 2.5 किलोमीटर तक की दूरी पर ड्रोन को निष्प्रभावी कर देती है।
मिसाइलें
सटीक मिसाइलें भी छोड़ता है 'भार्गवास्त्र'?
सटीक निशाना लगाने के लिए 'भार्गवास्त्र' दूसरी बार में निर्देशित माइक्रो-मिसाइलों को लक्ष्य की ओर दागता है।
हालिया परीक्षण के दौरान 'भार्गवास्त्र' ने सिंगल और साल्वो रॉकेट मोड दोनों में लक्ष्य को सफलतापूर्वक मार गिराया।
'भार्गवास्त्र' की सबसे बड़ी खूबी इसकी किफायती होना है। ये छोटे ड्रोन को नष्ट करने में पारंपरिक तौर पर होने वाले खर्च से बेहद कम है। इसे आसानी से कहीं से भी तैनात किया जा सकता है।