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पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों के निर्देश पर हुआ- रिपोर्ट  
पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी (फाइल तस्वीर: एक्स/@Defencecore)

पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों के निर्देश पर हुआ- रिपोर्ट  

लेखन गजेंद्र
Jul 15, 2025
11:39 am

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला पाकिस्तान की साजिश थी, जिसमें पड़ोसी देश के राजनीतिक और सैन्य अधिकारी शामिल थे। यह खुलासा टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में हुआ है। इसमें बताया गया है कि हमले को गुप्त रूप से पाकिस्तानी आतंकवादियों ने ही अंजाम दिया था। साजिश को सफल बनाने में पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के अधिकारियों और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकियों का हाथ है।

खुलासा

किसी भी कश्मीरी आतंकवादी को शामिल नहीं किया गया

रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला ठीक वैसा ही था, जैसा मुंबई में 26/11 आतंकी हमला हुआ था, जिसमें ISI और LeT की मिलीभगत थी। ISI ने पाकिस्तान स्थित लश्कर के कमांडर साजिद भट्ट को पहलगाम में लक्षित हत्याओं के लिए केवल बाहरी आतंकवादियों को तैनात करने को कहा था। गोपनीयता बनाए रखने के लिए इसमें किसी कश्मीरी आतंकवादी को शामिल नहीं किया गया। यही नहीं, जम्मू-कश्मीर में सक्रिया लश्कर के विदेशी आतंकियों से भी न्यूनतम जानकारी साझा की गई थी।

हमला

हमले का नेतृत्व कर रहा था सुलेमान

रिपोर्ट के मुताबिक, पहलगाम हमले की जिम्मेदारी सुलेमान को दी गई थी, जो पूर्व पाकिस्तानी विशेष बल कमांडो था। सुलेमान ने 2022 में M-4 हथियार के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर जम्मू में प्रवेश किया था। उससे पहले वह पाकिस्तान के पंजाब में लश्कर के मुरीदके केंद्र में प्रशिक्षण ले चुका था। सुलेमाने के साथ दस्ते में दो अन्य पाकिस्तानी आतंकवादी भी थे। सैटेलाइट फोन से पता चला कि 15 अप्रैल को सुलेमान त्राल के जंगल में था।

योजना

जम्मू-कश्मीर में 2 साल से छिपा था सुलेमान

रिपोर्ट के मुताबिक, सुलेमान बैसरन घाटी पर हमले से एक हफ्ते पहले आसपास के क्षेत्र में पहुंच गया था। वह अप्रैल 2023 में पुंछ में सेना के ट्रक पर हुए हमले में भी शामिल था, जिसमें 5 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद वह पहलगाम घटना को अंजाम देने के लिए दो साल तक जम्मू-कश्मीर में छिपा रहा। हालांकि, पहलगाम हमले में शामिल 2 अन्य पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान उजागर नहीं की है।

जांच

स्थानीय कश्मीरी आतंकवादी की मदद की भूमिका की पुष्टि नहीं हुई

रक्षा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस को पहले पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तानी आतंकवादी हाशिम मूसा और अली भाई की भूमिका पर संदेह था, लेकिन अभी तक की जांच में केवल सुलेमान की भूमिका सामने आई है। हमले में एक स्थानीय कश्मीरी आतंकवादी आदिल हुसैन थोकर की मदद की भूमिका की भी जांच हो रही है, लेकिन अभी तक उसकी मददगार के रूप में भूमिका की पुष्टि नहीं हुई है।

भूमिका

गिरफ्तार किए गए 2 स्थानीय लोगों को भूमिका सीमित

रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NSA) ने मामले में जिन दो स्थानीय लोगों बटकोट के परवेज अहमद जोथर और हिल पार्क के बशीर अहमद जोधर को गिरफ्तार किया है, उनकी भूमिका सीमित मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि उन्होंने रुपयों के बदले हथियारबंद पाकिस्तानी आतंकवादियों को खाना, जगह और जरूरी सामान दिया था, लेकिन उन्हें भी बैसरन घाटी की योजना के बारे में नहीं बताया गया था। हमले से स्थानीय आतंकवादी को बाहर रखा गया था।

जानकारी

घाटी में इस समय 68 विदेशी आतंकी सक्रिय

रिपोर्ट के मुताबिक, घाटी में आज भी करीब 68 विदेशी आतंकवादी और 3 स्थानीय आतंकवादी पूरी तरह सक्रिय हैं। इस साल केवल एक स्थानीय आतंकवादी भर्ती हुआ है। सुरक्षा बल अभियान चलाकर आतंकियों की तलाश कर रही हैं, जिसमें कुछ हद तक सफलता मिली है।

हमला

पहलगाम हमले में मारे गए थे 26 पर्यटक

22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में मौज-मस्ती कर रहे निर्दोष पर्यटकों पर पाकिस्तानी आतंकियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी थी। आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मारी थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक था। कुछ पर्यटक अपनी शादी के बाद हनीमून मनाने पहुंचे थे। घटना के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव बढ़ गया और 7 मई को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। इसके बाद दोनों तरफ से गोलाबारी हुई।