राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिवसीय उपवास में प्रधानमंत्री मोदी ने क्या-क्या किया?
क्या है खबर?
नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। सोमवार को तय समय पर अभिजीत मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न कराया गया।
इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव ने चरणामृत पिलाकर प्रधानमंत्री के 11 दिनों के उपवास को खुलवाया।
अपने उपवास के दौरान प्रधानमंत्री ने सिर्फ नारियल पानी पिया और जमीन पर सोए थे।
उपवास
प्रधानमंत्री ने 11 दिनों के उपवास में 40 नियमों का किया पालन
प्राण प्रतिष्ठा करवाने वाले आचार्यों ने 28 दिसंबर को मुख्य यजमान (प्रधानमंत्री मोदी) के लिए आवश्यक जानकारियों की सूची श्रीराम ट्रस्ट को भेजी थी। इसकी जानकारी फिर प्रधानमंत्री मोदी को दी गई।
प्रधानमंत्री ने 12 जनवरी से 22 जनवरी तक अपने 11 दिवसीय उपवास के दौरान 40 नियमों का पालन किया।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ के स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज के अनुसार, अनुष्ठानों के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्रा नहीं कर सके।
जानकारी
उपवास के दौरान प्रधानमंत्री ने किए 7 मंदिरों के दर्शन
उपवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 7 मंदिरों में दर्शन और पूजा-अर्चना की। इस दौरान वह कालाराम मंदिर (महाराष्ट्र), वीरभद्र मंदिर (आंध्र प्रदेश), गुरुवयूर मंदिर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर (केरल), रंगनाथस्वामी मंदिर (तमिलनाडु), अरिचल मुनाई में दर्शन, श्री कोठंडारामस्वामी मंदिर गए।
व्यस्तता
व्यस्तता के चलते 3 दिनों का उपवास कर सकते थे प्रधानमंत्री
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा की पूजा में शामिल रहे पंडित सदानंद पाठक के मुताबिक, प्रधानमंत्री की व्यस्तता के चलते ट्रस्ट ने कहा था कि वह 3 दिनों का अनुष्ठान कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने 11 दिनों के उपवास के दौरान सभी नियमों का पालन किया।
इस दौरान उन्हें नमक खाने की इजाजत भी नहीं थी। हालांकि, इसकी जगह सेंधा नमक लिया जा सकता था और प्रधानमंत्री मोदी फल भी खा सकते थे।
नियम
प्रधानमंत्री ने और किन नियमों का किया पालन?
पंडित सदानंद पाठक ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने केवल नारियल पानी पीकर उपवास रखा।
अन्य महत्वपूर्ण नियम भूमि पर सोना था। उनका पलंग पर सोना या बैठना वर्जित था।
वह ब्रह्म मुहूर्त में जागते, गायों को चारा खिलाते (गौ सेवा) और भगवान को भोग लगाकर ही कुछ ग्रहण करते।
रीति-रिवाजों के अनुसार, दाढ़ी काटना और नाखून काटना भी वर्जित था। प्रधानमंत्री को अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी के तट पर ध्यान करने के लिए कहा गया था।
प्राण प्रतिष्ठा
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को की थी रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने वैदिक अनुष्ठान और मंत्रोचार के बीच शुभ मुहूर्त में मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की।
प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त और मृगशिरा नक्षत्र के शुभ संयोग में हुई, जो दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक था।
अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा और सभी धार्मिक क्रियाएं संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान राम की आरती भी की।