चीन ने किया अरुणाचल में गांव बनाने के फैसले का बचाव, बताया संप्रभुता का मामला
क्या है खबर?
चीन ने अरुणाचल प्रदेश में गांव बनाने के अपने फैसले का बचाव किया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इसे संप्रुभता का मामला बताते हुए कहा कि वह 'अवैध तरीके से स्थापित भारतीय राज्य' को मान्यता नहीं देता।
चीन ने इस गांव को अपनी जमीन पर की गई सामान्य निर्माण गतिविधि बताया है।
गौरतलब है कि भारत के आधिकारिक नक्शे के हिसाब से चीन का 101 घरों वाला यह गांव भारतीय सीमा के अंतर्गत आता है।
पृष्ठभूमि
क्या है मामला?
इसी सप्ताह सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने हिमालय की पूर्वी रेंज में अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनशिरी जिले के त्सारी चू नदी के किनारे एक गांव बसाया है।
इस इलाके पर दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद है और इसे सशस्त्र लड़ाई वाली जगह के तौर पर चिन्हित किया गया है।
खास बात यह भी है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस खबर का खंडन नहीं किया था।
बयान
चीन की तरफ से गांव को लेकर क्या कहा गया है?
इस गांव को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "भारत-चीन सीमा पर पूर्वी सेक्टर और झेंगनान (चीन के तिब्बत का दक्षिणी भाग) को लेकर चीन की स्थिति बहुत साफ रही है। हमने कभी भी चीन की जमीन पर गैर-कानूनी तरीके से स्थापित किए गए कथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है।"
उन्होंने आगे कहा कि चीन की सीमा पर सामान्य निर्माण करना पूरी तरह संप्रुभता से जुड़ा मामला है।
जानकारी
चीन ने दोहराई अपनी पुरानी बात
प्रवक्ता ने आगे कहा कि चीन की सीमा में निर्माण करना पूरी तरह सामान्य गतिविधि है। गौरतलब है कि चीन हमेशा से अरुणाचल प्रदेश पर भारत की संप्रभुता को मानने से इनकार करता आया है। इस बार भी उसने अपनी पुरानी बात को दोहराया है।
जानकारी
तस्वीरों में अंतर से चला गांव का पता
चीन के इस गांव की हकीकत 1 नवंबर, 2020 को ली गई सैटेलाइट की फोटो की 26 अगस्त, 2019 की फोटो से मिलाने पर सामने आई थी।
2019 की फोटो में वहां कोई निर्माण नहीं दिख रहा, लेकिन 2020 की फोटो में निर्माण दिख रहा है।
इससे साफ होता है कि चीन ने इस गांव को पिछले साल ही बसाया है। बताया जा रहा है कि यह निर्माण गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद किया गया है।
बयान
भारत ने इस मामले पर क्या कहा था?
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन द्वारा भारतीय सीमा में निर्माण गतिविधियां तेज करने की खबरें मिली हैं। भारत सरकार ने भी सड़क, पुल आदि के निर्माण सहित सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाया है। इससे सीमा के साथ स्थानीय आबादी को बहुत आवश्यक कनेक्टिविटी मिली है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया था कि भारत चीन की हरकतों पर पैनी नजर रख रहा है।