दिल्ली: ओला-उबर से यात्रा करने वालों को हो सकती है परेशानी, दो लाख ड्राइवर हड़ताल पर
दिल्ली में कैब बुक कर यात्रा करने वाले लोगों को मंगलवार को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, राजधानी में ओला और उबर कंपनी के ड्राइवर कोरोना वायरस संकट को देखते हुए किराया और लोन चुकाने के लिए मोरेटोरियम बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। अभी तक दोनों ही कंपनियों की तरफ से इस संबंध में किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
लगभग दो लाख ड्राइवरों ने किया हड़ताल का आह्वान- गिल
ओला-उबर ड्राइवरों के संगठन सर्वोदया ड्राइवर्स एसोसिशन ऑफ दिल्ली के प्रमुख कमलजीत सिंह गिल ने कहा कि सरकार द्वारा मांग न सुने जाने पर लगभग दो लाख ड्राइवरों ने हड़ताल का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, "लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान की वजह से ड्राइवर अपनी EMI का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। लोन चुकाने के लिए दिया गया मोरेटोरियम समाप्त हो चुका है और बैंक हम पर दबाव बना रहे हैं।"
मोरेटोरियम क्या होता है?
मोरेटोरियम का मतलब होता है कि इस अवधि में कर्जधारक को मासिक किस्त चुकाने की जरूरत नहीं होती। इससे नकदी संकट का सामना कर रहे ऋणधारकों को सहूलितय होती है और इससे किस्त न चुकाने पर उनके क्रेडिट स्कोर पर असर नहीं पड़ता।
हड़ताल के कारण लोगों को करना होगा मुश्किलों का सामना
गिल ने आगे कहा कि अब ड्राइवरों को यह डर सता रहा है कि अगर वो समय पर EMI नहीं चुका पाए तो बैंक उनके वाहन जब्त कर लेंगे। इसके अलावा भी ड्राइवरों की दूसरी कई मांगे हैं। इस हड़ताल का आह्वान ऐसे समय में किया गया है जब राजधानी दिल्ली में मेट्रो सेवा पूरी तरह से बंद हैं और बसें भी पर्याप्त मात्रा में नहीं चल रही हैं। ऐसे में यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
ये हैं हड़ताल कर रहे ड्राइवरों की अन्य मांगे
ड्राइवरों की दूसरों में मांगों में तेज गति से गाड़ी चलाने पर कटे ई-चालान को वापस लेने, दिल्ली से गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा समेत NCR के इलाकों में जाने पर कैब कंपनियों की तरफ से ज्यादा कमीशन की मांग शामिल है। गिल ने कहा कि ड्राइवरों को इस समय अपने परिवार को पालने में भी मुश्किलें हो रही हैं। जब तक सरकार मदद नहीं करेगी तब तक बैंकों द्वारा वाहन जब्त करने का डर बना रहेगा।
मोरेटोरियम की तारीख 31 दिसंबर हो- गिल
गिल का कहना है कि ड्राइवरों को 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाने पर भी तेज रफ्तार के चालान भेज दिए गए हैं। इन्हें वापस लिया जाए और सरकार को EMI चुकाने की तारीखों 31 दिसंबर तक आगे बढ़ानी चाहिए।