जोश भरने वाली हैं इन आंत्रप्रेन्योर की कहानी, जानिये इनका सफर
आज के समय में सभी अपना बिजनेस करके सफल आंत्रप्रेन्योर बनना चाहते हैं। कई लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं कि आंत्रप्रेन्योर बनना आसान बात नहीं है और उन में आंत्रप्रेन्योर बनने की योग्यता नहीं है। सफलता के लिए असफलता के डर को दूर करना जरुरी है। कई ऐसे सफल आंत्रप्रेन्योर हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से अपने बिजनेस को अलग ही ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और ये कंपनियां आज टॉप पर हैं। आइए ऐसे स्टार्टअप के बारे में जानें ।
प्रेरणादायक है फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर की कहानी
2007 में स्थापित ई-कॉमर्स कंपनी 'फ्लिपकार्ट' के को-फाउंडर सचिन बंसल और बिन्नी बंसल की कहानी काफी प्ररेणादायक है। IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों ने एक अच्छे पैकेज की नौकरी करने की जगह अपना बिजनेस करने की ठानी और आज उनकी कंपनी का नाम देश की टॉप ई-कॉमर्स कंपनी में आता है। फ्लिपकार्ट ने शुरूआत में केवल किताबों की बिक्री की थी और अब यह घरेलू सामान से लेकर स्टेशनरी तक का सामान बेच रही है।
इनकी वजह से चंद सैंकड़ों में आप तक पहुंचती है कैब
आज आप कहीं भी जाने के लिए बस एक क्लिक करके कैब बुक कर सकते हैं। आपकी यात्रा को इतना आरामदायक बनाने में भावेश अग्रवाल और अंकित भाटी का योगदान है। IIT-B से स्नातक करने वाले ये अग्रवाल और भाटी भारत की सबसे लोकप्रिय कैब सर्विस 'ओला कैब' के को-फाउंडर हैं। ओला कैब्स को 2010 में मुंबई में शुरू किया गया था। अब यह कंपनी देशभर के 100 से अधिक शहरों में टैक्सी सेवाएं देती है।
दीप कालरा अपनी मेहनत से बनें देश के प्रसिद्ध आंत्रप्रेन्योर
2000 में अमेरिकी बाजार में 'मेक माय ट्रिप' की शुरूआत करने वाले दीप कालरा ने अपनी मेहनत और लगन से अपनी कंपनी को एक अलग ही मुकाम पर पहुंचाया है। भारत में 'मेक माय ट्रिप' 2005 मे लॉन्च किया गया था, तब इससे फ्लाइट के टिकट बुक कर सकते थे। बाद में इसने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हॉलीडे पैकेज, होटल रुम, ट्रेन और बस टिकट आदि बुक करने की सेवाएं देना भी शुरू कर दिया।
दो दोस्तों ने शुरू की थी जोमेटो
अच्छे खाने तक आपकी पहुंच को आसान बनाने में इन दों आंत्रप्रेन्योर का बड़ा योगदान है। दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने 2008 में 'जोमैटो' को लॉन्च किया था। इसके माध्यम से आप घर बैठकर एक अच्छे रेस्तरां से खाना मंगा सकते हैं। जब उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया तो उनके पास पर्याप्त फंड भी नहीं था और आज अपनी मेहनत से उन्होंने इसे देश की सबसे नामी कंपनियों में शामिल कर लिया है।
ये स्टार्टअप भी है आज देश की बड़ी कंपनियों में से एक
2006 में स्थापित 'रेडबस' ने लोगों को बस का टिकिट बुक करने का तरीका बदल दिया है। फणींद्र, सुधाकर और चरण 'रेडबस' के को-फॉउंडर हैं। वर्तमान में अपनी उत्कृष्ट सेवा के रेडबस का नाम सबसे तेजी से बढ़ते भारतीय वेब स्टार्टअप में आता है।