छत्तीसगढ़ में टला बालासोर जैसा ट्रेन हादसा, पटरी पर आमने-सामने आईं दो ट्रेनें
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया है। दक्षिण पूर्वी रेलवे के बिलासपुर जोन के गतौर सेक्शन में एक पटरी पर मालगाड़ी और मेमू ट्रेन (लोकल पैसेंजर ट्रेन) आमने-सामने आ गई थीं। हालांकि, दोनों ट्रेनों के एक-दूसरे से करीब 200 मीटर रुक जाने पर बालासोर ट्रेन हादसे जैसा भीषण ट्रेन हादसा होने से टल गया। गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए हादसे में 280 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
क्या है पूरा मामला?
बिलासपुर जिले के जयरामनगर और जांजगीरचांपा जिले के कोटमीसोनर के बीच मेमू ट्रेन और मालगाड़ी एक ही पटरी पर आ गई थी। दरअसल, मेमू ट्रेन कोरबा जा रही थी, जबकि मालगाड़ी पहले से ही ट्रैक पर खड़ी थी। रेलवे कर्मचारियों ने समय रहते मेमू ट्रेन को मालगाड़ी से कुछ दूर रोक दिया। इस घटना के बाद मेमू ट्रेन में सवार यात्री उतर गए और घटना का वीडियो बनाने लग गए, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
यहां देखें ट्रेन का वीडियो
2 जून को ओडिशा में हुआ था भीषण ट्रेन हादसा
2 मई की शाम हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के पास मुख्य लाइन की जगह लूप लाइन में चली गई थी। इसका इंजन लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गया था और पीछे की कुछ बोगियां विपरीत दिशा के ट्रैक पर चली गईं। इस ट्रैक पर हावड़ा-बेंगलुरू एक्सप्रेस आ रही थी, जिसके पिछले डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गए थे। इस तरह से मालगाड़ी समेत 3 ट्रेनें हादसे का शिकार हो गई थीं।
सिग्नल में गड़बड़ी के कारण हुआ था ओडिशा ट्रेन हादसा
प्रारंभिक जांच में पता चला था कि ओडिशा ट्रेन हादसा सिग्नल सिस्टम में गड़बड़ी की वजह से हुआ था। रेलवे बोर्ड की अधिकारी जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस का चालक तेज गति से ट्रेन नहीं चला रहा था और उसने ग्रीन सिग्नल मिलने पर ही लूप लाइन का रुख किया था। हादसे की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है और जांच पूरी होने के बाद हादसे के असली कारण का पता चल सकेगा।
न्यूजबाइट्स प्लस
ट्रेन का बेपटरी होना हादसों की सबसे बड़ी वजह है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019-20 में 70 प्रतिशत रेल दुर्घटनाएं ट्रेन के बेपटरी होने की वजह से हुई। इस रिपोर्ट में 33 यात्री ट्रेनों और 7 मालगाड़ियों के पटरी से उतरने की 40 घटनाओं का विश्लेषण किया गया है। इनमें से 17 बार ट्रेन पटरियों में क्रैक और धंसने की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुई। इंजन या कोच में खराबी के कारण ट्रेन के पटरी से उतरने की 9 घटनाएं सामने आईं।