मुंबई और आसपास के इलाकों में खसरे का प्रकोप, इस महीने 13 मौतें
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में खसरे का प्रकोप बढ़ रहा है और इस कारण एक महीने में यहां 13 मौतें हो चुकी हैं। बुधवार तक मुंबई में खसरे के 233 मामले सामने आ चुके थे। इनमें से 200 से अधिक मामले केवल पिछले दो महीनों में दर्ज किए गए हैं। पिछले सालों की तुलना में यह संख्या काफी बढ़ी है। 2021 में इसके 21 मामले सामने आए थे और केवल एक मौत हुई थी।
क्या है मुंबई के नजदीकी इलाकों का हाल?
मुंबई के आसपास के इलाकों की बात करें तो 17 नवंबर तक मालेगांव में खसरे के 51, भिवंडी में 37, ठाणे में 28, नासिक में 17, ठाणे ग्रामीण में 15, अकोला में 11, यवतमाल में 10, कल्याण-डोंबिवाली और वसई-विरार में 9-9 मामले दर्ज हुए थे। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इन इलाकों में मामले बढ़ने के बाद महाराष्ट्र में खसरे के कुल मामले 553 हो गए हैं, जो पिछले साल (92 मामले) की तुलना में छह गुना हैं।
मुंबई में नौ मौतें
खसरे के चलते मुंबई में नौ बच्चों की मौत हो चुकी हैं। वहीं नालासोपारा में एक और भिवंडी में तीन बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मृतक बच्चों में से तीन 0-11 महीने, आठ 1-2 साल और दो 3-5 साल के थे। मुंबई के धारावी, कुर्ला, महीम, बांद्रा और मटुंगा में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सितंबर तक यहां 25 मामले दर्ज हुए थे, जबकि अक्टूबर में 60 से अधिक बच्चे संक्रमित पाए गए थे।
क्यों बढ़ रहे मामले?
अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते खसरे का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया। मुंबई महानगर निगम की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मंगला गोमारे ने कहा कि करीब 20,000 बच्चों का महामारी के कारण वैक्सीनेशन नहीं हो पाया। अब सभी ऐसे बच्चों को पता लगाकर उन्हें वैक्सीन दी जा रही है। बता दें कि खसरे की वैक्सीन की पहली खुराक नौ महीने और दूसरी खुराक 15 महीने की उम्र में दी जाती है।
कुछ और कहानी बयान कर रहे आंकड़े
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दी प्रजेंटेशन में स्वास्थ्य विभाग ने बताया था कि अक्टूबर तक लक्षित लगभग 1.72 लाख बच्चों में से केवल 73,120 बच्चों (42.5 प्रतिशत) को ही वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। इसी तरह लक्षित 1.70 लाख बच्चों में से केवल 70,102 बच्चों (41.2 प्रतिशत) को दूसरी खुराक दी गई थी। वॉलेंटियरों का कहना है कि खुराक देने के बाद बच्चों को हल्का बुखार आता है, जिसके चलते लोग वैक्सीन लगवाने से बच रहे हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
खसरा एक वायरल संक्रमण है। यह संक्रमित बच्चे के खांसने और छींकने से फैलता है। आमतौर पर संक्रमित बच्चे सात से 10 दिन में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कई मामलों में यह संक्रमण ठीक होने में हफ्तों का समय ले सकता है। बुखार, सूखी खांसी, बहती नाक, आंखों में सूजन और मुंह के अंदरूनी हिस्सों में सफेद दाग होने इसके लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आना और वैक्सीनेशन जरूरी है।