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मुंबई 26/11 हमले की साजिश के आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द लाया जाएगा भारत
मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा होगा भारत प्रत्यर्पित

मुंबई 26/11 हमले की साजिश के आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द लाया जाएगा भारत

लेखन गजेंद्र
Jan 01, 2025
12:06 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 26/11 हमले की साजिश में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर हुसैन राणा को जल्द ही प्रत्यर्पित कर अमेरिका से भारत लाया जाएगा। द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, राणा को राजनयिक माध्यमों से भारत लाने की प्रक्रिया चल रही है। पिछले साल अगस्त में अमेरिकी अपील कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि राणा को दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत को प्रत्यर्पित किया जा सकता है।

सुनवाई

राणा की याचिका हुई खारिज

अमेरिकी पैनल ने जिला कोर्ट द्वारा राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करने के निर्णय की पुष्टि की, जिसमें राणा को प्रत्यर्पित करने योग्य घोषित करने के मजिस्ट्रेट न्यायाधीश के निर्णय को चुनौती दी गई थी। सुनवाई के दौरान पैनल ने माना कि भारत ने राणा के अपराध को लेकर मजिस्ट्रेट जज के निष्कर्ष का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सक्षम साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं। इस संबंध में अभी भारत सरकार की ओर से आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।

आरोप

शिकागो में FBI ने किया था गिरफ्तार

मुंबई पुलिस ने 26/11 हमलों को लेकर 405 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें राणा का नाम शामिल है। उस पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव होने का आरोप है। आरोपपत्र के मुताबिक, राणा ने हमलों के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली का समर्थन किया था, जिसने हमलों से पहले रेकी की थी। राणा को मुंबई हमले के कुछ महीने बाद शिकागो में संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने गिरफ्तार किया था।

जानकारी

शिकागो में ट्रैवल एजेंसी चलाता था राणा

राणा शिकागो में 15 साल पहले ट्रैवल एजेंसी चलाता था। तब उसने और हेडली ने मिलकर हमले को अंजाम देने के लिए मुंबई के स्थानों और लैंडिंग जोन की तलाश की। पाकिस्तानी आतंकवादियों ने राणा की मदद से हमले का खाका तैयार किया था।

हमला

मुंबई हमले में मारे गए थे 175 लोग

26 नवंबर, 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। तब समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए पाकिस्तान आतंकियों ने ताज होटल समेत 6 जगहों पर हमले किए थे। हमले में विदेशी नागरिकों समेत 175 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई सैंकड़ों घायल हुए थे। 4 दिनों तक तक चले आतंकरोधी अभियान के बाद सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था। एक जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब को फांसी दी गई थी।