होमी जहांगीर भाभा की आज है जयंती, इसलिए कहा जाता उन्हें 'भारत का परमाणु जनक'
होमी जहांगीर भाभा की आज 115वीं जयंती है। उन्हें भारत का परमाणु जनक कहा जाता है। वे एक प्रमुख भौतिकविद् थे, जिन्होंने भारत के परमाणु कार्यक्रम की नींव रखी और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) की स्थापना की। भाभा की अगुवाई में भारत ने परमाणु विज्ञान में उन्नति की और देश को परमाणु शक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ाया। उनका योगदान भारतीय विज्ञान में मील का पत्थर माना जाता है और वे आज भी प्रेरणा स्रोत हैं।
मुंबई में हुआ था भाभा का जन्म
भाभा का जन्म 30 अक्टूबर, 1909 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ। मुंबई से अपनी शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने कण भौतिकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया और इलेक्ट्रॉन-पॉजिट्रॉन प्रोटोन के इंटरैक्शन पर अध्ययन करके इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए। उन्होंने ही भारत के पहले परमाणु अनुसंधान केंद्र, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) की स्थापना की।
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की स्थापना
भाभा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति प्राप्त की और उन्हें विश्व के प्रमुख भौतिकविदों में माना गया। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया और वैज्ञानिक समुदाय में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने 1945 में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में एक संस्थान की स्थापना की, जो बाद में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के रूप में विकसित हुआ। वे अपने पूरे जीवनकाल में भारत के परमाणु कार्यक्रम के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाते रहे।
हवाई दुर्घटना में हुआ उनका निधन
भाभा की वैज्ञानिक सोच और दृष्टिकोण ने भारतीय विज्ञान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी याद में, भारत सरकार ने 'भाभा अवार्ड' की स्थापना की, जो वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है। उनका काम और योगदान आज भी भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत है। उनका निधन 24 जनवरी, 1966 को एक हवाई दुर्घटना में हुई थी। वे उस समय 56 वर्ष के थे।