पाकिस्तान की यात्रा को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- नहीं होगी कोई द्विपक्षीय वार्ता
विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में आयोजित होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान जाने काे तैयार है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ही उनके नाम की पुष्टि की थी। इस बीच अब विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार की द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी।
जयशंकर ने क्या दिया बयान?
IC सेंटर फॉर गवर्नेंस द्वारा आयोजित शासन पर सरदार पटेल व्याख्यान में बोलते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "यह यात्रा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी। मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं। मैं वहां SCO का एक अच्छा सदस्य बनने जा रहा हूं, लेकिन आप जानते हैं, चूंकि मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा। वहां कोई द्विपक्षीय वार्ता का कार्यक्रम नहीं है।"
जयशंकर ने सार्क प्रगति पर की पाकिस्तान की आलोचना
विदेश मंत्री जयशंकर ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की प्रगति में बाधा डालने के लिए पाकिस्तान की भी आलोचना की। उन्होंने हाल की SAARC बैठकों की कमी के लिए सीमा पार आतंकवादआतंकवाद में संलिप्तता को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों पर कहा, "आतंकवाद अस्वीकार्य है और वैश्विक दृष्टिकोण के बावजूद यदि हमारा कोई पड़ोसी ऐसा करना जारी रखता है, तो SAARC में सामान्य रूप से काम नहीं हो सकता।"
जयशंकर ने सरदार पटेल का भी किया जिक्र
विदेश मंत्री जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रति भारत के ऐतिहासिक दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों में संयुक्त राष्ट्र को शामिल करने के सरदार पटेल के विरोध को उजागर किया और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की चीन के प्रति नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा, "चीन के साथ भारत का संबंध भी एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सरदार पटेल की राय सर्वविदित है और वह प्रधानमंत्री नेहरू से काफी भिन्न है।"
पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री मोदी को किया था आमंत्रित
अगस्त में पाकिस्तान ने इस बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया था। SCO के बाकी सदस्य देशों के प्रमुखों को भी न्योता भेजा गया था। तब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों को देखते हुए प्रधानमंत्री पाकिस्तान नहीं जाएंगे और उनकी जगह कोई मंत्री भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। बता दें कि आखिरी बार दिसंबर, 2015 में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं।