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अफगान हिंदुओं और सिखों को शरण देने को तैयार सरकार, भारत आने में मदद करेगी
अफगान हिंदुओं और सिखों को शरण देने को तैयार भारत

अफगान हिंदुओं और सिखों को शरण देने को तैयार सरकार, भारत आने में मदद करेगी

Aug 17, 2021
09:09 am

क्या है खबर?

भारत अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों को शरण देने के लिए तैयार है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है कि अफगान हिंदू और सिख समुदायों के जो लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं, उनकी भारत आने में मदद की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट से यात्री विमान बंद होने के कारण अभी लोगों को बाहर निकालने के प्रयास बंद हैं, लेकिन जैसे ही यात्री विमान शुरू होंगे, हिंदुओं और सिखों को प्राथमिकता दी जाएगी।

बयान

भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठा रही सरकार- विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "अफगानिस्तान में अपने हितों और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी। हम अफगान सिख और हिंदू समुदाय के संपर्क में भी है। जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं, हम उनकी भारत आने में मदद करेंगे। कुछ अफगान भी संबंधों को बढ़ावा देने में हमारे सहयोगी रहे हैं। हम उनके साथ खड़े हैं।" उन्होंने कहा कि भारत यात्री विमानों के शुरू होने का इंतजार कर रहा है।

जानकारी

आवेदन फास्ट-ट्रैक करने के लिए नए इलेक्ट्रॉनिक वीजा का ऐलान

भारत ने अफगानिस्तान से बाहर निकलने की कोशिश में लगे लोगों के लिए एक नए इलेक्ट्रॉनिक वीजा का ऐलान भी किया है ताकि उनके आवेदनों को फास्ट-ट्रैक किया जा सके। इस वीजा को 'ई-इमरजेंसी एक्स-मिस्क वीजा' नाम दिया गया है।

राहत अभियान

वायुसेना के विमान की मदद से सुरक्षित निकाले गए दूतावास में फंसे भारतीय

इस बीच भारत ने काबुल स्थित अपने दूतावास में फंसे 200 से अधिक भारतीयों को वायुसेना के C-17 विमान से सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, दूतावास में 200 से अधिक भारतीय नागरिक फंसे हुए थे। इनमें विदेश मंत्रालय के कर्मचारी और दूतावास की सुरक्षा करने वाले भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवान भी शामिल थे। यात्री विमानों के बंद होने के कारण इन्हें यहां से बाहर नहीं निकाला जा सका था।

स्थिति

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं हजारों लोग

बता दें कि तालिबान के कब्जे के बाद हजारों लोग अफगानिस्तान छोड़कर जाना चाहते हैं। रविवार सुबह हजारों लोगों की भीड़ काबुल एयरपोर्ट पर पहुंच गई और उन्हें दूर रखने के लिए अमेरिकी सैनिकों को कई बार हवा में फायरिंग करनी पड़ी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जबरदस्ती विमानों में घुसने की कोशिश में पांच लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा विमान के पहियों पर बैठकर जा रहे दो लोगों की भी गिरने से मौत हो गई।

तालिबान का कब्जा

अफगानिस्तान में जल्द अपनी सरकार बनाएगा तालिबान

गौरतलब है कि काबुल पर कब्जे के साथ ही पूरा अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे में आ गया है। तालिबान ने युद्ध समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा है कि वह जल्द ही देश की नई शासन व्यवस्था की जानकारी देगा। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके स्टाफ ने रविवार को ही देश छोड़ दिया था। ताजिकिस्तान के शरण देने से इनकार करने के बाद गनी ओमान पहुंच गए हैं। यहां से वो अमेरिका जा सकते हैं।