
बांग्लादेश में भड़की हिंसा के बीच भारत लौटे 1,000 से अधिक छात्र, 4,000 अभी भी फंसे
क्या है खबर?
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण विरोध में शुरु हुआ छात्रों का आंदोलन अब हिंसक हो गया।
वहां हिंसा की विभिन्न घटनाओं में अब तक 115 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2,500 से ज्यादा घायल हैं। ऐसे में सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है।
इधर, बिगड़ते हालातों को देखते हुए 1,000 से अधिक भारतीय छात्र विभिन्न रास्तों से देश लौट आए हैं। इसी तरह करीब 4,000 छात्रों को निकालने के प्रयास जारी हैं।
सहयाेग
भारतीय दूतावास कर रहा छात्रों की वापसी में सहयोग
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश में बिगड़ते हालातों के बीच वहां फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित रास्तों से भारत पहुंचाने में सहयोग किया जा रहा है। अब तक 778 भारतीय छात्र अंतरराष्ट्रीय सीमा और विभिन्न भूमि बंदरगाहों से भारत लौट आए हैं। इसके अलावा, करीब 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों से नियमित उड़ानों के जरिए भारत लौटे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि निकासी अभियान में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का भी सहयोग लिया जा रहा है।
प्रयास
4,000 अन्य छात्रों को निकालने का किया जा रहा है प्रयास
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ढाका में भारतीय उच्चायोग और सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बचे 4,000 से अधिक भारतीय छात्रों के साथ नियमित संपर्क में हैं और उन्हें आवश्यक सहायता पहुंचा रहे हैं। उन्हें जल्द ही निकाला जाएगा। इसी तरह नेपाल और भूटान के छात्रों को भी भारत में प्रवेश कराने सहायता दी गई है।
मंत्रालय के यह भी बताया है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद बांग्लादेश में भारतीयों की सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं।
जानकारी
विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी भी की है जारी
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के बिगड़ते हालातों के बीच एडवाइजरी जारी कर भारतीय छात्र और नागरिकों से अनावश्यक यात्रा करने से बचने और घर के अंदर रहने की अपील की है। इसके अलावा विषम परिस्थिति में तत्काल दूतावास से संपर्क करने को कहा गया है।
हालात
बांग्लादेश में कैसे है वर्तमान हालत?
भारत पहुंचे एक भारतीय छात्र ने NDTV को बताया कि वर्तमान में बांग्लादेश में हालत खराब है। कर्फ्यू होने से चारों तरह सुरक्षाकर्मी तैनात है। कई भारतीय छात्रों ने हवाई टिकट बुक किए थे, लेकिन कर्फ्यू के कारण वो हवाईअड्डे तक नहीं पहुंच सके और कई उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं।
छात्र ने बताया कि अभी भी कई भारतीय छात्र विश्वविद्यालयों के छात्रावासों में हैं, जहां माहौल अभी शांतिपूर्ण है, लेकिन वह वहां से निकलना चाहते हैं।"
पृष्ठभूमि
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं छात्र?
बांग्लादेश में 1971 में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। प्रदर्शनकारी छात्र इसे खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शनों के समन्वयक नाहिद इस्लाम ने रॉयटर्स से कहा, "हम सामान्य तौर पर आरक्षण प्रणाली के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि 1971 के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण कोटा समाप्त कर दिया जाए।"