Page Loader
नेपाल में मारा गया भारत में नकली नोट सप्लाई करने वाला ISI एजेंट
नेपाल में मारा गया भारत में नकली नोट सप्लाई करने वाला ISI एजेंट

नेपाल में मारा गया भारत में नकली नोट सप्लाई करने वाला ISI एजेंट

Sep 22, 2022
01:54 pm

क्या है खबर?

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विस इंटेलीजेंस (ISI) के एजेंट के तौर पर काम करने वाले एक व्यक्ति को नेपाल की राजधानी काठमांडू में मार गिराया गया है। जांच एजेंसियों ने बताया कि यह व्यक्ति भारत में नकली नोटों का सबसे बड़ा सप्लायर था। वह ISI की मदद से मिली नकली भारतीय मुद्रा को भारत पहुंचाता था। मारे गए ISI एजेंट की पहचान 55 वर्षीय लाल मोहम्मद उर्फ मोहम्मद दर्जी के तौर पर हुई है।

जानकारी

दाऊद इब्राहिम की गैंग से भी थे मोहम्मद के संबंध

इंडिया टुडे के अनुसार, जांच एजेंसियों ने बताया कि लाल मोहम्मद पाकिस्तान और बांग्लादेश से नकली भारतीय मुद्रा नेपाल लाता था। यहां से वह ISI के इशारे पर इस मुद्रा को भारत में भेजता था। अधिकारियों ने बताया कि साजो-सामान लाने में लाल मोहम्मद ISI की मदद करता था और उसके दाउद इब्राहिम की डी-गैंग से भी संबंध थे। वह ISI के कई अन्य एजेंटों को अपने पास ठहराता था।

हमला

CCTV में कैद हुई घटना

लाल मोहम्मद को गोली मारने की घटना CCTV कैमरे में कैद हो गई है। इसमें देखा जा सकता है कि मोहम्मद अपनी कार से अपने घर के सामने उतरता है। इतनी ही देर में दो हमलावर उस पर गोलियां बरसाना शुरू कर देते हैं। वह बचने के लिए कार के पीछे छिपता है, लेकिन हमलावर उसका पीछा कर उसे गोली मारकर फरार हो जाते हैं। थोड़ी देर बाद अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो जाती है।

सजा

10 साल की सजा काट चुका था मोहम्मद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 4 जुलाई, 2007 को काठमांडू में जाली नोट से जुड़ा कारोबार करने वाले पटुवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में लाल मोहम्मद और डी कंपनी के एक शार्प शूटर को गिरफ्तार किया था। दोनों को अदालत ने 10-10 साल की सजा सुनाई थी। 2017 में सजा काटने के बाद मोहम्मद बाहर आया और उसने अपने घर के पास कपड़ों का कारोबार शुरू किया था।

जांच

पुलिस को गैंगवार की आशंका

पुलिस मान रही है कि गैंगवार के कारण मोहम्मद की हत्या की गई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि मोहम्मद पर यह दूसरा हमला है। कुछ दिन पहले भी उस पर हमले की कोशिश की गई थी, लेकिन वह बचने में सफल रहा था। इसके बाद उसने पुलिस थाने में खुद की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उसे सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई।