सूडान में कितने भारतीय फंसे हैं, क्या कर रही है सरकार?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह युद्ध प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान सूडान से भारतीयों को सुरक्षित निकालने पर चर्चा हुई। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया और सूडान के मौजूदा हालात के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया। खबर है कि सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को दिए सतर्क रहने के निर्देश
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने बैठक में संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने, स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और सूडान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का लगातार मूल्यांकन करने और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ने सूडान में हुए घटनाक्रमों का आकलन किया और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ जमीनी हकीकत की पहली रिपोर्ट प्राप्त की।
बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?
बैठक में प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा कांसुलर, पासपोर्ट, वीजा और प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव औसाफ सईद और खाड़ी देशों के राजदूत शामिल हुए। बताया जा रहा है कि भारतीयों को निकालने में खाड़ी देश खास भूमिका निभा सकते हैं।
कई देशों के संपर्क में हैं विदेश मंत्री
सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए विदेश मंत्री अमेरिका, सऊदी अरब, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से संपर्क में है। जयशंकर ने ट्वीट किया कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान का शुक्रिया, जो हमारे संपर्क में हैं। जयशंकर को ब्रिटेन, अमेरिका, तुर्की और UAE के विदेश मंत्रियों से भी मदद का आश्वासन मिला है। वाशिंगटन में स्थित भारतीय दूतावास और लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी भी सरकार से संपर्क में हैं।
विदेश मंत्रालय ने जारी किए निर्देश
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आरिंदम बागची ने भी सूडान में फंसे भारतीयों के लिए निर्देश जारी किए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बागची ने कहा, "अभी के लिए हमारी सलाह है कि भारतीय नागरिक जहां हैं, वहीं रुकें। वहीं पर ही सुरक्षित ठिकानों में चले जाएं। जब तक हालात न सुधरें, कहीं और जाने की कोशिश न करें।" बागची ने कहा कि सूडान में फंसे भारतीयों की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।
3,000 भारतीयों के फंसे होने की आशंका
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूडान में फिलहाल करीब 3,000 भारतीय फंसे हुए हैं। विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बागची ने सुरक्षा कारणों से कहां-कितने भारतीय फंसे हैं, इस बात की जानकारी देने से मना कर दिया। हालांकि, बागची ने कहा कि वे सभी भारतीयों के संपर्क में है और सूडान में भारतीय दूतावास समुदाय से लगातार संपर्क बनाए हुए है। सूडान में करीब 1,200 भारतीय ऐसे हैं, जिनके परिवार वहां पिछले लगभग 150 सालों से बसे हुए हैं।
एक भारतीय की हुई मौत
सूडान में संघर्ष के बीच एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई है। 16 अप्रैल को सूडान में भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी। ट्वीट में कहा गया था, 'सूडान में डल समूह की कंपनी में काम करने वाले एक भारतीय नागरिक अल्बर्ट ऑगस्टाइन की मौत हो गई है। अल्बर्ट सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे।'
सूडान में अब तक 270 लोगों की मौत
सूडान में सेना व रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच जारी संघर्ष में अब तक 270 लोगों की मौत हो गई है और करीब 2,600 लोग घायल हुए हैं। मंगलवार शाम दोनों पक्षों में 24 घंटे के लिए संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी, लेकिन जल्द ही युद्धविराम टूट गया। इसके बाद सूडान का संघर्ष को शुरू हुए लगातार 7 दिन हो गए हैं। लोगों के सामने खाने-पीने की चीजों की भारी कमी हो गई है।