बांग्लादेश: असामाजिक तत्वों ने 12 मंदिरों में की तोड़फोड़, 14 मूर्तियों को पहुंचाया नुकसान
बांग्लादेश के उत्तरी ठाकुरगांव जिले में 12 मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। यहां रविवार को असामाजिक तत्वों ने मंदिरों में स्थापित करीब 14 मूर्तियों को खंडित किया। इस घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन में इलाके का दौरा किया। अभी स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। पुलिस इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।
क्या है मामला?
ठाकुरगांव जिले के बलियाडांगी में रविवार तड़के अज्ञात लोगों ने मंदिरों को निशाना बनाते हुए करीब 12 मंदिरों में तोड़फोड़ की। यह इलाका मुस्लिम बहुसंख्यक है और किसी ने जानबूझकर यहां सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और अशांति फैलाने के लिए मंदिरों में तोड़फोड़ करते हुए मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया। सभी मंदिर सड़क के किनारे स्थित हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन इस मामले की छानबीन में जुटा है।
अधिकारियों ने क्या कहा?
निर्बाही के उप जिलाधिकारी बिपुल कुमार ने कहा, "मंदिरों में तोड़फोड़ की घटना कल रात हुई और मैंने पुलिस अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया। जिन मंदिरों को हमलवारों ने निशाना बनाया है, वह सड़क किनारे स्थित हैं और यहां कोई सुरक्षा-व्यवस्था नहीं है।" उन्होंने कहा, "हमने हिंदू समुदाय के लोगों से बातचीत की है और उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अब यहां स्थिति नियंत्रण में है।"
आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग
धनतला संघ पूजा उज्जपों समिति के महासचिव जोतिर्मय सिंह ने कहा, "हम लगभग पचास सालों से इन मंदिरों में पूजा करते आ रहे हैं और कभी भी इस तरह की कोई घटना नहीं हुई। हम न्याय चाहते हैं और मंदिरों में तोड़फोड़ करने वालों की जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हैं।" चारुल यूनियन परिषद के अध्यक्ष दिलीप कुमार चटर्जी ने कहा, "मंदिरों में तोड़फोड़ करने वालों लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।"
पहले भी हो चुके हैं मंदिरों पर हमले
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल भी नवरात्रि के दौरान बांग्लादेश के कोमिला शहर में नानूर दिघी झील के पास कुछ दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले किए गए थे। उस दौरान कई मंदिरों को भी निशाना बनाया गया था। उन हमलों में दो हिंदुओं समेत कुल सात लोगों की मौत हुई थी। हमलावरों ने ढाका स्थित इस्कॉन मंदिर को भी निशाना बनाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
न्यूजबाइट्स प्लस
बांग्लादेश के प्रमुख अधिकार समूह एन ओ सलीश केंद्र (ASK) की मानें तो जनवरी, 2013 से मार्च, 2022 के बीच अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर 3,700 से अधिक हमले हुए हैं। हमलों में हिंदू समुदाय के 559 घरों और 442 दुकानों को आग लगाई गई। इसी तरह हिंदू मंदिरों और पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ और आगजनी के 1,700 मामले सामने आए। इन घटनाओं में 11 हिंदुओं की मौत हुई और 862 से अधिक लोग घायल हुए।