वायनाड भूस्खलन में 340 से ज्यादा मौतें, 300 लापता; केंद्र सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में मरने वालों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक 341 लोगों के शव बरामद हुए हैं। इनमें से 146 की पहचान हो चुकी है। वहीं, 134 लोगों के शरीर के सिर्फ अंग बरामद हुए हैं। 74 अज्ञात शवों का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस बीच केंद्र सरकार ने पश्चिम घाट को इकोलॉजिकली सेंसिटिव एरिया (ESA) घोषित करने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है।
शव मिलने का सिलसिला जारी
वायनाड में बचाव अभियान का आज चौथा दिन है। अभी भी मलबे से शवों का निकलना जारी है। 300 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। ऐसे में मृतकों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है। मेप्पडी के 17 राहत शिविरों में 2,597 लोगों को रखा गया है। इलाके में 91 कैंप बनाए गए हैं, इनमें 10,000 से ज्यादा लोग हैं। इन्हें जरूरत की सामग्री दी जा रही है।
ड्रोन से ढूंढे जाएंगे शव
सेना ने बताया कि अब वायनाड में मलबे में दबे शवों को ढूंढने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। वायनाड में ग्राउंड मैपिंग के लिए केरल प्रशासन की तरफ से ड्रोन मांगे गए थे। जिसके बाद भारतीय वायुसेना के C130 सुपर हरक्यूलिस विमान से 4 ड्रोन केरल पहुंचाए गए हैं। ये 80-90 मीटर की गहराई तक किसी भी वस्तु की पहचान कर सकते हैं। बचाव दलों की 40 टीमें अभी भी अभियान चला रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने बचाव अभियान की तारीफ की
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बचाव अभियान में जुटे कर्मियों की तारीफ की है। उन्होंने कहा, "इस कठिन समय में हम भारत के साथ हैं। हम बचाव अभियान में जुटे सदस्यों की बहादुरी की सराहना करते हैं। हमारी प्रार्थनाएं इस दुखद घटना के पीड़ितों के साथ हैं और हम उन परिवारों के साथ शोक व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। हम इस कठिन समय में भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं बनाए रखेंगे।"
वायनाड के 13 गांवों कों संवेदनशील घोषित करने की तैयारी
केंद्र सरकार ने पश्चिमी घाट के 57,000 वर्ग किलोमीटर इलाके को ESA घोषित करने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें वायनाड के 13 गांव और केरल का लगभग 10,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल है। नोटिफिकेशन में 6 राज्यों- महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, गोवा और गुजरात से गुजरने वाले पश्चिमी घाट के लगभग 37 प्रतिशत इलाके को ESA घोषित करने की तैयारी है। नागरिकों को आपत्ति या सलाह के लिए 60 दिन का समय दिया गया है।
वायनाड में कैसे मची तबाही?
29 जुलाई की रात 1 से 4 बजे के बीच वायनाड के चूरालमाला और मुंडाक्कई जैसे इलाकों में 3 बार भूस्खलन हुआ। इससे भारी तबाही मच गई और सैकड़ों लोग बह गए। पहले 11 लोगों के मरने की खबर मिली, लेकिन जैसे-जैसे बचाव कार्य बढ़ता गया, मृतकों की संख्या भी बढ़ती गई। घटनास्थल से कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें टूटे हुए घरों और कई फीट के कीचड़ में तबाही का नजारा देखा जा सकता है
क्या होता है ESA?
ESA घोषित होने के बाद इन क्षेत्रों में खनन जैसी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा और सभी मौजूदा खदानों को 5 साल के भीतर या लाइसेंस समाप्ति तक बंद करना होगा। क्षेत्र में कोई नई ताप विद्युत परियोजना और मौजूदा संयंत्रों के विस्तार की अनुमति नहीं दी जाएगी। 20,000 वर्ग मीटर और क्षेत्र वाली सभी नई इमारतों और निर्माण परियोजओं तथा 50 हेक्टेयर और उससे अधिक क्षेत्र वाली सभी नई और विस्तारित टाउनशिप और विकास परियोजनाएं भी प्रतिबंधित रहेंगी।