वायनाड भूस्खलन: सेना ने कैसे रिकॉर्ड 31 घंटे में बना दिया 190 फीट लंबा पुल?
केरल के वायनाड में भूस्खलन से मरने वालों का आंकड़ा 300 को पार कर गया है। भारतीय सेना और दूसरी एजेंसियां अभी भी राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। इस बीच सेना ने बड़ा कारनामा करते हुए 190 फीट लंबे पुल को मात्र 31 घंटे में बनाकर तैयार कर दिया है। मुंडक्कई और चूरलमाला के बीच बने बेली पुल का काम 31 जुलाई की शाम शुरू हुआ था, जो अगले दिन खत्म हो गया।
विमानों से लाई गई सामग्री
सेना ने जो पुल बनाया है, पहले वहां 100 फीट लंबा पुल था, जो बारिश में बह गया। पुल निर्माण के लिए सामग्री दिल्ली और बेंगलुरु से 2 विमानों के माध्यम से कन्नूर पहुंचाई गई। फिर उन्हें ट्रकों के माध्यम से वायनाड ले जाया गया। 31 जुलाई की सुबह 9 बजे पुल का काम शुरू हुआ और 1 अगस्त की शाम 5 बजे तक पुल बनकर तैयार भी हो गया।
2 महिला अधिकारियों ने किया अभियान का नेतृत्व
काम पूरा होने के बाद सेना ने पुल का परीक्षण करने के लिए मिलिट्री ट्रक और एंबुलेंस भी चलाई। परीक्षण सफल होने के बाद पुल से भारी वाहनों को भूस्खलन स्थल तक ले जाया जा सकेगा। इस पुल की क्षमता 24 टन है। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने बताया कि भारतीय सेना की 2 महिला अधिकारियों- मेजर सीता शेल्के और मेजर अनीश ने इस अभियान का नेतृत्व किया।
मद्रास इंजीनियर ग्रुप के 140 कर्मियों ने दिया अंजाम
पुल को बनाने में मद्रास इंजीनियर ग्रुप के 140 कर्मी जुटे हुए थे। इसे मद्रास सैपर्स के नाम से भी जाना जाता है। निर्माण पूरा होने के बाद सेना के जवानों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। दक्षिणी कमान ने 'एक्स' पर कहा, 'इंजीनियरिंग और पेशेवर कौशल का उल्लेखनीय कार्य करते हुए सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स ने चूरलमाला में इरुवानिपझा नदी पर बेली ब्रिज का निर्माण तेजी से किया, जिससे वायनाड में बचाव कार्यों में तेजी आई।'
अब तक 308 लोगों की मौत
चौथे दिन भी वायनाड में बचाव अभियान जारी है। अब तक 308 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। वायनाड जिला प्रशासन के अनुसार, मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं। ज्यादातर मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से हैं। वहीं, वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस प्रभावित इलाकों में 100 घरों का निर्माण करवाएगी।