महिला सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय ने दिखाई सख्ती, राज्यों को जारी की एडवाइजरी
क्या है खबर?
देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। देश में आए दिन महिलाओं और नाबालिगों से दुष्कर्म और गैंगरेप के मामले सामने आ रहे हैं।
इसको देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाया है।
मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए महिला के खिलाफ होने वाले अपराधों में तत्काल कार्रवाई करने तथा लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।
शून्य FIR
थाना क्षेत्र के बाहर हुए अपराध के लिए दर्ज की जाए शून्य FIR
TOI के अनुसार गृह मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी अपराध में FIR सबसे अहम जरूरत है। ऐसे में यदि अपराध नजदीकी थानों के अधिकार क्षेत्र से बाहर भी होता है तो उसके लिए संबंधित थाने में शून्य FIR दर्ज की जानी चाहिए। पीड़ितों को FIR के लिए टरकाया नहीं जाना चाहिए।
इसी तरह मंत्रालय ने कहा है कि महिला अपराधों में थानों की कार्रवाई अनिवार्य होनी चाहिए और किसी भी वारदात के बाद तत्काल एक्शन लिया जाना चाहिए।
कार्रवाई
लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई
गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा है कि महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध की जांच में यदि कहीं चूक होती है तो उस स्थिति में उच्चाधिकारियों द्वारा मामले की गहन जांच की जानी चाहिए।
जांच में किसी भी पुलिसकर्मी और अधिकारी के दोषी पाए जाने पर संख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि नियमों की पालना नहीं करना किसी भी पीड़ित को समय पर न्याय दिलाने के लिहाज से उचित नहीं होगा।
नियम
फोरेंसिक जांच और सबूत जुटाने में हो नियमों की पालना
गृह मंत्रालय ने कहा कि फोरेंसिक साइंसेज सर्विसेज निदेशालय ने फोरेंसिक सबूत जुटाने और उनके संग्रह के लिए गाइडलाइन जारी कर रखी है। ऐसे में उनकी पालना की जानी चाहिए।
इसी तरह CRPC की धारा 173 के तहत दुष्कर्म के मामले की जांच दो महीने में ही पूरी की जानी चाहिए।
इसी तरह यौन अपराधों में जुड़े अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यौन अपराधियों के लिए तैयार राष्ट्रीय डाटा बेस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
जानकारी
24 घंटे में कराया जाए दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल
गृह मंत्रालय ने कहा है कि दुष्कर्म की घटना के बाद 24 घंटे के अंदर पीड़िता या उसके परिजनों की सहमति से पंजीकृत चिकित्सक द्वारा उसका मेडिकल कराया जाना चाहिए। इसी तरह भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत मृतक का बयान जांच में अहम होगा।
अपराध
बढ़ते अपराधों के बाद सरकार ने उठाया कदम
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित युवती से गैंगरेप और बाद में उसकी मौत को लेकर देश में उबाल है। इससे महिलाओं की सुरक्षा पर प्रशनचिह्न लगा है।
इस मामले में सरकार के साथ पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
इसी तरह राजस्थान के बाड़मेर और चूरू जिले में भी गैंगरेप की घटनाएं सामने आई है। ऐसे में मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की है।
आंकड़े
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हुई 7.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से गत 30 सितंबर को जारी किए गए साल 2019 के आपराधिक आंकड़ों के अनुसार देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 7.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
साल 2018 में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,78,236 मामले दर्ज हुए थे, जो 2019 में बढ़कर 4,05,861 पहुंच गए।
साल 2019 में दुष्कर्म के कुल 32,033 मामले दर्ज हुए हैं। यानी देश में प्रतिदिन 87 दुष्कर्म हुए थे।