
ओडिशा: राउरकेला स्टील प्लांट में जहरीली गैस का रिसाव, चार लोगों की मौत
क्या है खबर?
ओडिशा के राउरकेला स्टील प्लांट की कोल कैमिकल शाखा में बुधवार सुबह अचानक जहरीली गैस का रिसाव होने से चार कर्मचारियों की मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी बीमार हो गए।
सूचना पर पहुंचे अन्य शाखा के कर्मचारियों ने बीमार हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया तथा मृतकों का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। गैस के रिसाव के वास्तविक कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है।
प्रकरण
सुबह करीब 07:30 बजे हुआ गैस का रिसाव
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुबह करीब 07:30 बजे कोल कैमिकल शाखा के कर्मचारी काम पर पहुंचे थे।
उसी दौरान प्लांट से जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के रिसाव होने लग गया। इससे मरम्मत कार्य में लगे करीब एक दर्जन कर्मचारी बेहोश हो गए।
आनन-फानन में बेहोश हुए सभी कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने चार कर्मचारियों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
मौत
इन कर्मचारियों की हुई मौत
राउरकेला के पुलिस अधीक्षक (SP) मुकेश कुमार भामू ने बताया कि मृतकों की पहचान गणेश चंद्र पेला (59), अभिमन्यु साहू (33), रवींद्र साहू (59) और ब्रह्मानंद पांडा (51) के रूप में हुई है।
स्टील प्लांट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) दीपक चतराराज ने बताया कि मृतक श्रमिकों के परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है तथा घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
बयान
ठेके पर कार्यरत थे चारों कर्मचारी
स्टील प्लांट की जनसंपर्क अधिकारी अर्चना सत्पथी ने बताया कि मृतक चारों कर्मचारी एक रखरखाव ठेकेदार फर्म स्टार कंस्ट्रक्शन के लिए काम करते थे। उसी के माध्यम से उन्हें ठेके पर प्लांट में कार्य पर रखा गया था। इस शाखा में कोक ओवन बैटरी के जरिए गैस तैयार की जाती है।
उन्होंने बताया कोल कैमिकल शाखा में गैस रिसाव होने के कारणों की जांच की जा रही है। मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आरोप
आवश्यक सवाधानी नहीं बरतने से घटित हुआ हादसा
ठेका श्रमिक नेता विमान माइती ने बताया कि मरम्मत कार्य के दौरान आवश्यक सावधानी नहीं बरतने से हादसा हुआ है।
काम शुरु करने से पहले इलाके में नाइट्रोजन गैस लेकर लीक होने संबंधित जांच करनी चाहिए थी। इसी तरह सुरक्षा के लिए एबुलेंस एवं अन्य सुरक्षा साधन मौजूद रखने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस मौजूद नहीं होने के कारण घटना के एक घंटे तक श्रमिक वहीं तड़पते रहे। इसी से उनकी मौत हुई है।
इतिहास
1955 में हुई स्टील प्लांट की स्थापना
राउरकेला स्टील प्लांट की स्थापना 1955 में जर्मनी के सहयोग से की गई थी। यह देश में सार्वजनिक क्षेत्र में पहला एकीकृत स्टील प्लांट है।
इसमें सालाना 4.5 मिलियन टन गर्म धातु का उत्पादन किया जाता है। 1990 के वर्षों में इस प्लांट का आधुनिकीकरण किया गया और आधुनिक सुविधाओं के साथ इसमें कई नई यूनिटें जोड़ी गई थी।
सेल (SAIL) ने साल 2030 तक गर्म धातु के उत्पादन को साल 8.8 मिलियन टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
हादसे
कैमिकल प्लांटों में पहले भी हो चुके हैं हादसे
बता दें कि गत 23 अक्टूबर को तमिलनाडु स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में भी आग लग गई थी। उसमें पांच मजदूरों की मौत हुई थी।
इसी प्रकार 5 जून को गुजरात के दहेज इलाके में कैमिकल फैक्ट्री में धमाके के बाद लगी आग से पांच मजदूरों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हो गए थे।
इसके अलावा 7 मई को आंध्र प्रदेश में कैमिकल प्लांट से जहरीली गैस लीक होने से आठ लोगों की मौत हुई थी।