मणिपुर: मुख्यमंत्री बीरेन सिंह नहीं देंगे इस्तीफा, नाटकीय घटनाक्रम के बाद बदला इरादा
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह इस्तीफा नहीं देंगे। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।' इससे पहले नाटकीय घटनाक्रम में वे इस्तीफा सौंपने के लिए राज्यपाल से मिलने निकले थे, लेकिन हजारों की संख्या में उनके समर्थकों ने उन्हें घेर लिया और इस्तीफा पत्र फाड़ दिया। अब सिंह ने इस्तीफा नहीं सौंपने का ऐलान किया है।
दिनभर क्या-क्या हुआ?
बता दें कि सिंह ने दोपहर 1 बजे राज्यपाल से मिलने का समय मांगा था। इसके बाद से ही कयास थे कि वे इस्तीफा सौंप सकते हैं। बताया गया कि केंद्र सरकार की ओर से सिंह को इस्तीफा देने को कहा गया है। हालांकि, बाद में खबर आई कि वे 3 बजे राज्यपाल से मिलेंगे। जब वे आवास से निकले तो उन्हें समर्थकों ने घेर लिया और इस्तीफा पत्र फाड़ दिया, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
सिंह के समर्थक बोले- हमें उन पर भरोसा
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, मणिपुर के एक निवासी का कहना है कि वे 2 महीने से हिंसा से जूझ रहे हैं और उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब भारत सरकार और मणिपुर सरकार इस संघर्ष को लोकतांत्रिक तरीके से हल करेगी। एक शख्स ने कहा, "ऐसी स्थिति में अगर मुख्यमंत्री इस्तीफा दे देते हैं, तो लोग यहां कैसे रहेंगे, हमारा नेतृत्व कौन करेगा? मैं नहीं चाहता कि वह इस्तीफा दें। हमें उन पर भरोसा है।"
क्यों मांगा जा रहा इस्तीफा?
बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर लंबे समय से हिंसा की चपेट में है। हिंसा को रोकने में नाकामी और खराब कानून व्यवस्था को लेकर सिंह की लगातार आलोचना हो रही थी। विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार से उनके इस्तीफे की मांग कर रही थी। हाल ही में सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और राज्य की स्थिति पर रिपोर्ट सौंपी थी। इस मुलाकात में सिंह ने शाह से कहा था कि राज्य में स्थिति अराजक है।
राज्यपाल से मिले राहुल गांधी
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2 दिवसीय मणिपुर दौरे पर थे। आज उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की। गुरुवार को उन्होंने हिंसाग्रस्त चुराचांदपुर जिले का दौरा किया और राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोगों से मुलाकात की और बच्चों के साथ खाना भी खाया। हालांकि, जब वे चुराचांदपुर जा रहे थे तब पुलिस वालों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उनका काफिला रोक लिया था। बाद में वे हेलिकॉप्टर से राहत शिविर पहुंचे।
मणिपुर में 3 मई को भड़की थी हिंसा
मणिपुर हाई कोर्ट ने मार्च में मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी। उसके बाद से ही मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है और यहां 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
1 जनवरी, 1961 को जन्मे सिंह पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी रहे हैं। वे 18 साल की उम्र में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की फुटबॉल टीम में चुन गए थे और 1981 में डूरंड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। वे पत्रकारिता से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने साल 2002 में डेमोक्रेटिक रिवोल्यूशनरी पीपल्स पार्टी (DRPP) के टिकट पर हिंगांग से पहला विधानसभा चुनाव जीता था। वे मणिपुर में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं और 2017 से इस पद पर हैं।