6 साल बाद मिलेंगे सोनिया, नीतीश और लालू; विपक्ष को एकजुट करने पर होगी चर्चा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। तीनों नेताओं के बीच पिछले छह साल में ये पहली बैठक होगी और इसमें 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। नीतीश और लालू इंडियन नेशनल लोकदल के संस्थापक स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की जयंती पर फतेहाबाद में हो रही रैली में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आए हैं।
लालू ने मंगलवार को किया था सोनिया से मिलने का ऐलान, राहुल से भी मिलेंगे
लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को ही ऐलान कर दिया था कि वह नीतीश के साथ दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा था, "सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। भाजपा को 2024 में जड़ से उखाड़ फेंकना है। मैं जल्द ही दिल्ली जाऊंगा और सोनिया गांधी से मुलाकात करूंगा। मैं उनकी पदयात्रा खत्म होने के बाद राहुल गांधी से भी मिलूंगा।" उन्होंने अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह पागल हो गए हैं।
हाल ही में तेज हुए हैं विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास
गौरतलब है कि नीतीश कुमार के अगस्त में भाजपा से गठबंधन तोड़कर RJD और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठंबधन के साथ बिहार में सरकार बनाने के बाद से ही विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास तेज हो गए हैं। नीतीश हाल ही में दिल्ली के दौरे पर आए थे और यहां कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार और जनता दल सेक्युलर (JDS) प्रमुख एचडी कुमारस्वामी आदि से मुलाकात की थी।
चंद्रशेखर राव से भी मिल चुके हैं नीतीश, तैयार किया था विपक्षी एकता का रोडमैप
नीतीश तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से भी मुलाकात कर चुके हैं जो अगस्त के अंत में बिहार के दौरे पर आए थे। इस बैठक में विपक्ष को एकजुट करने के रोडमैप पर चर्चा की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, केजरीवाल और एमके स्टालिन जैसे नेताओं से मिलकर राव भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक कॉमन एजेंडा तैयार करने का काम करेंगे। वह इन नेताओं से मिल भी रहे हैं।
नीतीश के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने की अटकलें हैं तेज
ये भी अटकलें तेज हैं कि नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि नीतीश खुद कई बार कह चुके हैं कि उनका एकमात्र लक्ष्य विपक्ष को एकजुट करना है और उनका खुद को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर पेश करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन उनके और उनकी पार्टी के बयानों से कुछ अलग ही संकेत मिल रहे हैं। उनके उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने के कयास भी हैं।