जम्मू-कश्मीर में जगह की कमी, CRPF ने 700 से अधिक संपत्तियों को बनाया ठिकाना

जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को अपने रहने के लिए जगह की कमी से जूझना पड़ रहा है। यही कारण है कि अब उसने कश्मीरी पंडितों के खाली पड़े घरों, अस्पतालों, स्कूलों, होटल और मंदिरों सहित कुल 737 संपत्तियों को अपना ठिकाना बना लिया है। हालांकि, CRPF इसका किराया देता हैं, लेकिन अभी भी उन्हें स्थायी ठिकाने की तलाश है। इसने सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
CRPF के डाटा के अनुसार, CRPF ने एक स्कूल, एक अस्पताल, दो सिनेमाघरों, आठ बगीचों, 26 औद्योगिक इकाइयों और फैक्टरियों, 30 होटलों, 71 कृषि उपयोग की जमीन, 265 कश्मीर पंडितों के घर और अन्य निजी भवन तथा 333 अन्य सरकारी संपत्तियों को अपना ठिकाना बना रखा है। हालांकि, CRPF को ये सभी संपत्तियां स्थानीय प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराई गई है और वो इन सभी संपत्तियों के लिए किराया देते हैं।
CRPF महानिदेशक (DGP) कुलदीप सिंह ने गुरुवार को कहा, "जम्मू-कश्मीर में जगह की कमी के कारण प्रशासन ने उन्हें निजी और सरकारी संपत्तियों में रहने के लिए कहा है। यदि कोई परिवार हमसे कहेगा तो हम CRPF की ओर से कब्जा किए गए कश्मीरी पंडितों के घरों को खाली कर देंगे।" उन्होंने कहा, "यदि हमें निजी भवनों, मंदिरों और घरों को खाली करना पड़ता है तो सरकार निश्चित रूप से हमारे जवानों को कोई अन्य स्थान उपलब्ध कराएगी।"
बता दें कि पिछले साल कश्मीर में आंतकी और हिंसक घटनाओं के बढ़ने के बाद कुछ सेक्टर्स में नए सिरे से सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। उसके बाद श्रीनगर के आसपास बटालियनों की संख्या बढ़ गई थी। इसके कारण आवास की कमी आ गई थी। इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) में भी चर्चा हुई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। हालात यह है कि CRPF के पास बाथरूम जैसे आधारभूत सुविधाएं भी नहीं है।
DGP सिंह ने कहा, "हमने इस मुद्दे को उपराज्यपाल के समक्ष उठाया था। उसके बाद MHA ने पर्याप्त आवास उपलब्ध करने का आश्वासन दिया गया था। हाल में जम्मू-कश्मीर प्रशासन से रहने के लिए 10 स्थानों पर 524 केनाल जमीन उपलब्ध कराई है। हम इसमें अपना कैंप विकसित कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "सरकार सभी परिसरों का किराया भुगतान करती है और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार CRPF वहीं रह रही है।"
CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जब तैनाती होती है तो CRPF स्थानीय पुलिस से आवास उपलब्ध कराने को कहती है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने यह स्थान उपलब्ध कराए हैं और वे इसका किराया देते हैं। हमने किसी भी भवन पर अवैध कब्जा नहीं किया है।" उन्होंने कहा, "हाल ही में CRPF को जमीन भी आवंटित की गई है। देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल के 65,000 अधिक जवान कश्मीर घाटी में तैनात हैं।"