
सुप्रीम कोर्ट में आई सभी मुस्लिमों को पाकिस्तान भेजने की याचिका, कोर्ट ने लगाई फटकार
क्या है खबर?
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अलग तरीके की घटना देखने को मिली, जब कोर्ट के सामने देश के मुस्लिमों को पाकिस्तान भेजने की याचिका आई।
सुप्रीम कोर्ट ने इस आपत्तिजनक याचिका का तुरंत खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई।
बता दें कि कई धर्म और समुदायों से मिलकर बने भारत की कुल आबादी में 14.2 प्रतिशत हिस्सा मुस्लिमों का है और वह हिंदुओं के बाद दूसरा सबसे बड़ा समुदाय हैं।
सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने पूछा, क्या सचमुच इस पर बहस करना चाहते हैं?
देश के मुस्लिमों का पाकिस्तान भेजने की यह याचिका शुक्रवार को जस्टिस आरएप नरीमन और जस्टिस विनीत सरन की बेंच के सामने आई।
जस्टिस नरीमन ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा, "क्या आप सच में इस पर बहस करना चाहते हैं? हम आपकी बात सुनेंगे, लेकिन इसके बाद हम आप पर भी कार्रवाई करेंगे।"
याचिकाकर्ता ने इसका जबाव न में दिया और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
मेघालय हाई कोर्ट
विवादित टिप्पणी पर मेघालय हाई कोर्ट को भेजा था नोटिस
बता दें कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय हाई कार्ट के एक फैसले में की गई कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर भी उसे नोटिस भेजा था।
मेघालय हाई कोर्ट के इस फैसले में कहा गया था, 'पाकिस्तान ने खुद को एक इस्लामिक देश घोषित किया और धर्म के आधार पर बंटवारा होने के बाद भारत को भी खुद को हिंदू देश घोषित करना चाहिए था, लेकिन वह एक धर्मनिरपेक्ष देश रहा।'
याचिका
मेघालय हाई कोर्ट के रजिस्टार को भेजा गया था नोटिस
वकील सोना खान और अन्य लोगों ने हाई कोर्ट की टिप्पणी को 'कानूनी तौर पर गलत और ऐतिहासिक तौर पर भ्रमित' करने वाला बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने मेघालय हाई कोर्ट के रजिस्टार को नोटिस भेजा था।
इससे पहले 2017 में कोर्ट ने 7 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने की अर्जी को भी खारिज कर दिया था।