कोरोना के बीच इंग्लैंड में फैल रहा नोरो वायरस, छोटे बच्चों को चपेट में ले रहा
इंग्लैंड (UK) में इन दिनों कोरोना के साथ-साथ एक और संक्रमण अपने पैर पसार रहा है। यहां की स्वास्थ्य संस्था पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) ने नोरो वायरस के मामलों में आ रहे उछाल को देखते हुए चेतावनी जारी की है। जून की शुरुआत के बाद से इंग्लैंड में नोरो वायरस के 154 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। PHE का कहना है कि ये मामले पिछले पांच सालों में इसी दौरान मिले मामलों के पांच गुना हैं।
क्या होता है नोरो वायरस?
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, नोरो एक बेहद संक्रामक वायरस होता है, जिससे संक्रमित व्यक्ति को उल्टी और डायरिया हो जाता है। PHE के अनुसार, इसे 'विंटर वॉमिटिंग बग' के नाम से भी जाना जाता है। इससे संक्रमित व्यक्ति वायरस के लाखों तत्व छोड़ सकता है, जिनमें से कुछ संपर्क में आए लोगों को बीमार कर सकते हैं। इन दिनों इंग्लैंड के नर्सरी और चाइल्ड केयर सेंटरों में इसके ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं।
यह वायरस फैलता कैसे है?
संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने पर यह वायरस स्वस्थ लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। संक्रमित खाना और पानी के सेवन से भी व्यक्ति बीमार हो सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति संक्रमित सतह को छूने के बाद बिना हाथ धोए मुंह को छूता है तो भी यह वायरस अंदर जाकर बीमार कर सकता है। मोटे तौर पर कहा जाये तो यह कोरोना समेत दूसरे वायरसों की तरह ही फैलता है।
इसके लक्षण और इलाज क्या हैं?
उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और सूजन, बुखार, सिरदर्द और बदनदर्द नोरो संक्रमण के लक्षण माने जाते हैं। आमतौर पर संक्रमण के 12-48 घंटों में ये लक्षण नजर आ जाते हैं, जो 1-3 दिनों तक जारी रहते हैं। अगर इलाज की बात करें तो अभी तक इसकी कोई दवा नहीं आई है। जानकारों का कहना है पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन उल्टी और दस्त से हुए नुकसान की भरपाई कर सकता है।
संक्रमण से बचने का तरीका?
पर्याप्त सफाई रखकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है। समय-समय पर हाथ धोते रहने से इस वायरस को दूर रखा जा सकता है। जानकारों का कहना है कि खाना बनाने, परोसने और खाने से पहले हाथ धोने जरूरी है।
एक बार से ज्यादा भी हो सकता है संक्रमण
नोरो वायरस कई प्रकार के होते हैं। इसलिए एक प्रकार के वायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद दूसरे से संक्रमित होने का खतरा रहता है। हालांकि, संक्रमण के बाद लोगों में इसके प्रति इम्युनिटी पैदा हो जाती है, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह कितने समय तक बनी रहती है। ऐसा ही हाल कोरोना वायरस के साथ है। इस वजह से लोग अलग-अलग वेरिएंट के कारण दो-दो बार संक्रमित हुए हैं।