केरल में अगले एक साल तक लागू रहेंगी कोरोना वायरस संबंधी सुरक्षा गाइडलाइंस
केरल ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए बनाई गई सुरक्षा गाइडलाइंस को अगले एक साल तक के लिए अनिवार्य कर दिया है। राज्य महामारी रोग अध्यादेश में बदलाव करते हुए राज्य सरकार ने ये आदेश जारी किया है और लोगों को जुलाई, 2021 तक सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य गाइडलाइंस का पालन करना होगा। केरल ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है। इन गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वालों पर दंड का प्रावधान भी किया गया है।
मास्क पहनना और छह फुट की दूरी अनिवार्य
रविवार को 'केरल महामारी रोग कोरोना वायरस बीमारी अतिरिक्त रेगुलेशन, 2020' के नाम से जारी इन गाइडलाइंस के तहत अगले एक साल तक राज्य के सभी सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा कार्यालयों और सभी तरह के वाहनों में भी मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोगों को सभी सार्वजनिक स्थलों और कार्यक्रमों में छह फुट की दूरी बनाकर रखनी होगी।
शादी में 50 और अंतिम संस्कार में 20 लोगों के शामिल होने की इजाजत
केरल सरकार की गाइडलाइंस के तहत अगले एक साल तक शादियों में अधिकतम 50 लोग शामिल हो सकेंगे। शादी में शामिल लोगों को फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी गाइडलाइंस का प्रयोग करना होगा। वहीं अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोग शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा राज्य में अगले एक साल तक बिना लिखित मंजूरी के किसी भी तरह की सामाजिक सभा नहीं हो सकेगी। अगर मंजूरी मिलती भी है तो इनमें अधिकतम 10 लोग शामिल हो सकेंगे।
दुकानों में 20 से अधिक लोग नहीं हो सकेंगे इकट्ठा
दुकानों और अन्य व्यावसायिक केंद्रों की बात करें तो इनमें छह फुट की दूरी के सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करना अनिवार्य होगा और दुकान के आकार को देखते हुए 20 से अधिक लोग एक बार में दुकान में इकट्ठे नहीं हो सकेंगे। सार्वजनिक स्थलों, सड़क और फुटपाथ पर थूकने पर भी प्रतिबंध जारी रहेगा। दूसरे राज्यों से केरल आने के इच्छुक लोगों को राज्य के 'जगरथ' ई-प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करना होगा, हालांकि पास की जरूरत नहीं होगी।
बड़े वाहनों के लिए बंद रहेगा अंतर-राज्यीय यातायात
अंतर-राज्यीय यातायात की बात करें तो अगले एक साल तक केरल आने-जाने वाले छह से अधिक सवारियों की क्षमता वाले सभी सरकारी और निजी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। केरल सरकार ने इन गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को दी है और जो भी इनका उल्लंघन करेगा उसे दंड दिया जाएगा। सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस के नए मामलों में संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चल रहा है और इसलिए ये फैसला लिया गया है।
मजबूती के साथ कोरोना वायरस से लड़ रहा है केरल
बता दें केरल देश का पहला ऐसा राज्य था जहां कोरोना वायरस का मामला सामने आया था और अब तक राज्य ने मजबूती से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। राज्य में शनिवार तक 5,204 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 25 की मौत हुई है। राज्य की मृत्यु दर 0.48 प्रतिशत है और वह देश के सबसे कम मृत्यु दर वाले राज्यों में शामिल है। हालांकि राज्य में मामलों की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से थोड़ी अधिक है।