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कोरोना वायरस: धार्मिक सभाओं की मंजूरी देने का केरल सरकार का फैसला गलत था- सरकारी विशेषज्ञ
धार्मिक सभाओं को इजाजत देने के केरल सरकार के फैसले पर सवाल

कोरोना वायरस: धार्मिक सभाओं की मंजूरी देने का केरल सरकार का फैसला गलत था- सरकारी विशेषज्ञ

Aug 09, 2021
01:47 pm

क्या है खबर?

जिनोम सीक्वेंसिंग करने वाले इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने धार्मिक सभाओं की इजाजत देने के केरल सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर राज्य सरकार धार्मिक सभाओं की इजाजत नहीं देती तो राज्य में कोरोना वायरस के मामलों में आई वृद्धि से बचा जा सकता था। उनसे पहले अन्य कई विशेषज्ञ और आलोचक भी धार्मिक सभाओं की इजाजत देने के केरल सरकार के फैसले पर सवाल उठा चुके हैं।

बयान

गलत था धार्मिक सभाओं की मंजूरी देने का फैसला- अनुराग अग्रवाल

इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए अनुराग अग्रवाल ने कहा, "धार्मिक सभाओं की मंजूरी देना एक गलत फैसला था और केरल सरकार को केवल आवश्यक सेवाएं शुरू करनी चाहिए थीं। अगर केरल ने धार्मिक सभाएं शुरू नहीं की होती तो मामले 13,000 से 20,000 तक नहीं जाते।" उन्होंने कहा कि केरल कोरोना संक्रमण के मामले में अभी भी उत्तर भारत से पीछे है और राज्य में मामलों में वृद्धि जारी रह सकती है।

जिनोम सीक्वेंसिंग

राज्य में 90 प्रतिशत मामले डेल्टा वेरिएंट के

अनुराग ने बताया कि केरल के मामलों की जिनोम सीक्वेंसिंग में 90 प्रतिशत मामले डेल्टा वेरिएंट के पाए गए हैं। देश में आई कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के लिए यही वेरिएंट जिम्मेदार था। उन्होंने कहा कि अभी तक दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है और ये देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग समय पर पहुंची है। उन्होने कहा कि देश में तीसरी लहर सितंबर-अक्टूबर में आ सकती है, लेकिन दिल्ली-NCR जैसे इलाकों में ऐसा जल्द नहीं होगा।

बयान

ज्यादा गंभीर नहीं होगी तीसरी लहर- अनुराग

डॉ अनुराग ने ये भी कहा कि तीसरी लहर अधिक गंभीर नहीं होगी। उन्होंने कहा, "पहले संक्रमित हो चुके लोगों को गंभीर बीमारी नहीं होगी, इसलिए तीसरी लहर ज्यादा गंभीर नहीं होगी। लेकिन अगर वायरस बदला तो ये सब बदल जाएगा।"

पृष्ठभूमि

केरल सरकार ने ईद पर दी थी पाबंदियों में छूट

बता दें कि बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बावजूद केरल सरकार ने बकरीद के मौके पर तीन दिन के लिए पाबंदियों में छूट दी थी। इस छूट पर कई सवाल उठे थे और भारतीय चिकित्सा संघ ने इसे लेकर चेतावनी जारी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में केरल सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि नागरिकों के जीने के अधिकार के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।

मौजूदा स्थिति

केरल में क्या है कोरोना महामारी की स्थिति?

पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से केरल में देश में सबसे अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से तो यहां रोजाना औसतन 20,000 से अधिक नए मामले आ रहे हैं जो राष्ट्रीय मामलों के लगभग 50 प्रतिशत हैं। राज्य की टेस्ट पॉजिटिविटी रेट भी 10 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। केरल में अभी तक कुल 35,52,525 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 17,747 लोगों की मौत हुई है।