
कर्नाटक सरकार ने भीड़ नियंत्रण के लिए जारी की SOP, जानिए क्या-क्या प्रावधान किए
क्या है खबर?
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाद गत 4 जून को हुई भगदड़ की घटना के करीब एक महीने बाद मंगलवार (1 जुलाई) को सरकार ने आखिरकार भीड़ नियंत्रण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी। इसमें जीवन सुरक्षा, अधिकारों की रक्षा, संपत्ति के नुकसान की रोकथाम और संभावित संघर्षों को कम करने पर जोर दिया गया है। आइए जानते हैं कि सरकार ने इस SOP में क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं।
कारण
सरकार ने क्या बताया SOP जारी करने का कारण?
सरकार ने SOP जारी करते हुए कहा कि पुलिस की प्रतिक्रियाओं में जीवन सुरक्षा, अधिकारों की रक्षा, संपत्ति के नुकसान की रोकथाम और संभावित संघर्षों को कम करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। SOP की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि आधुनिक सभाएं अक्सर सोशल मीडिया से प्रभावित होती हैं, जिसके लिए अनुकूल रणनीतियों की आवश्यकता होती है। राज्य सरकार ने कहा कि प्रारंभिक योजना, हितधारकों के साथ समन्वय और न्यूनतम बल प्रयोग आवश्यक मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।
तैयारी
सभा या कार्यक्रम से पहले ये करनी होगी तैयारी
SOP के अनुसार, राज्य में अब किसी भी सभा या समारोह से पहले पुलिस और अन्य जिम्मेदार विभाग उपलब्ध उपकरणों का उपयोग करके बाधाओं और संभावित उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करेंगे। इसी तरह आयोजन स्थल की क्षमता सीमा, प्रवेश और निकास मार्ग, आपातकालीन निकासी योजना और संचार व्यवस्था की आवश्यक तैयारी करेंगे। सुरक्षा जांच में असुरक्षित पाए गए स्थलों पर अधिक संख्या में लोगों को बुलाकर कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दिशानिर्देश
कार्यक्रम समन्वय के लिए क्या होंगे आवश्यक दिशानिर्देश
SOP के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को महत्वपूर्ण विवरण जुटाने के लिए आयोजकों के साथ संपर्क करना होगा। इसमें कार्यक्रम की प्रकृति, तारीख और समय, अपेक्षित भीड़ और विरोध की स्थिति, सभा के अपेक्षित विस्तार, अग्निशमन और स्वास्थ्य सहित संबंधित विभागों से आवश्यक अनुमति आवश्यक होगी। इसी तरह, कार्यक्रम के दौरान जवाबी विरोध प्रदर्शनों की संभावना, आस-पास के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को खतरा और उस तरह के पिछले आयोजनों की स्थिति की समीक्षा भी आवश्यक रूप से की जाएगी।
भीड़ प्रबंधन
कैसे बनाई जाएगी भीड़ प्रबंधन की योजना?
SOP के अनुसार, भीड़ प्रबंधन की योजना में पुलिस और सुरक्षा कर्मचारियों के लिए स्पष्ट रूप से निर्धारित भूमिकाएं शामिल होंगी। इसी तरह, महत्वपूर्ण अवरोध बिंदुओं पर गतिविधि नियंत्रण प्रोटोकॉल लागू करना होगा, आपातकालीन प्रतिक्रिया योजनाएं बनानी होंगी और निकासी मार्ग को खाली रखने के साथ चिकित्सा सहायता भी तैनात करनी होंगी। इसके अलावा, सभी तैनात एजेंसियों के बीच समन्वय की रणनीति बनाने के साथ लोगों के सुव्यवस्थित तरीके से कार्यक्रम स्थल में प्रवेश की योजना बनानी होगी।
तैनाती
कार्यक्रम के दौरान कैसे की जाएगी अधिकारी और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती?
SOP के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान प्रमुख प्रवेश बिन्दुओं, निकासों और अधिक भीड़ वाले क्षेत्रों में अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, कार्यक्रम में भीड़ नियंत्रण, संचार और आपातकालीन प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित कर्मचारियों की ही तैनाती की जा सकेगी। भीड़ के प्रवेश के लिए बड़ा और व्यवस्थित आराम क्षेत्र बनाना होगा। मेटल डिटेक्टर, QR कोड स्कैनिंग या बायोमेट्रिक सिस्टम वाली जांच चौकियां स्थापित करनी होगी। इसके अलावा, आम जनता, VIP और कर्मचारियों के लिए अलग प्रवेश मार्ग बनाने होंगे।
पृष्ठभूमि
कैसे मची थी स्टेडियम के बाहर भगदड़?
RCB के 3 जून को IPL 2025 का खिताब जीतने के बाद 4 जून को बेंगलुरु में विजय जुलूस निकालने का फैसला किया था। टीम को खुली बस में विधानसभा से चिन्नास्वामी स्टेडियम जाना था, जहां 3 लाख लोग इकट्ठा थे। वो अंदर जाने को लेकर धक्का-मुक्की करने लगे। इससे भगदड़ मची और 11 लोगों की दबकर मौत हो गई, जबकि 55 घायल हो गए। पुलिस ने RCB, KSCA और अन्य पर FIR दर्ज कर जांच CID को सौंपी थी।