हरियाणा: SDM के आदेश पर बोले खट्टर- शब्दों का चयन गलत, लेकिन सख्ती जरूरी थी
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल के SDM आयुष सिन्हा के विवादित आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अधिकारी के शब्दों का चयन ठीक नहीं था, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती की जरूरत थी। वहीं किसानों पर हुए लाठीचार्ज के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन ने वही किया जो कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी था। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
SDM ने क्या आदेश दिया था?
शनिवार को SDM आयुष सिन्हा ने पुलिस को बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास करन वाले किसानों के 'सिर फोड़ने' का आदेश दिया था। ऐसा कहते समय वे कैमरे में कैद हो गए थे और ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में उन्हें कुछ पुलिसकर्मियों से कहते हुए सुना जा सकता है कि किसानों को किसी भी तरह से बैरिकेडिंग को पार नहीं करने देना है और वे हर प्रदर्शनकारी का सिर फूटा देखना चाहते हैं।
खट्टर बोले- SDM के शब्दों का चयन गलत
विवादित आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए खट्टर ने कहा कि SDM का शब्दों का चयन ठीक नहीं था, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती जरूरी थी। अगर अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी तो पहले जिला प्रशासन इसकी समीक्षा करेगा। DGP भी इस मामले को देख रहे हैं। दूसरी तरफ किसानों ने सोमवार को महापंचायत कर SDM को जेल भेजने, पूरे जिला प्रशासन को बर्खास्त करने और सरकार से माफी की मांग की है।
किसानों के साथ नहीं रही लोगों की संवेदना- खट्टर
शनिवार को करनाल में मुख्यमंत्री खट्टर का विरोध करने पहुंचे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई थीं। इससे जुड़े सवाल का जवाब देते हुए खट्टर ने कहा, "किसानों का समझना चाहिए कि ऐसे विरोध जताकर उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। लोगों की संवेदना अब उनके साथ नहीं रही है। मुझे फोन आते हैं कि किसानों से कड़ाई से निपटा जाना चाहिए, लेकिन हम संयम बरत रहे हैं क्योंकि ये हमारे लोग हैं।"
खट्टर बोले- हिंसात्मक विरोध की जगह नहीं
खट्टर ने आरोप लगाया कि किसानों ने भाजपा नेताओं की बैठक आयोजित न होने की योजना बनाई थी और इसके बाद पुलिस और जिला प्रशासन ने वही किया जो कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी था। खट्टर ने कहा, "किसान काले झंडे दिखा सकते हैं, इसकी अनुमति है। हमारे प्रदेश अध्यक्ष को बैठक में पहुंचने से रोका गया। इससे पहले विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के वाहन में तोड़फोड़ की गई। लोकतंत्र में ऐसे विरोध की इजाजत नहीं है।"
दुष्यंत चौटाला ने कही थी कार्रवाई की बात
इससे पहले रविवार को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने SDM के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी। चौटाला ने कहा था कि ट्रेनिंग में अधिकारियों को संवेदनशीलता सिखाई जाती है और आयुष के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने सफाई दी है कि वह दो दिन से सोए नहीं थे, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि किसान 365 दिन से नहीं सोए हैं। उन्होंने कहा कि एक IAS अधिकारी का ऐसा बयान निंदनीय है।