जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधों के बीच मना स्वतंत्रता दिवस, श्रीनगर में राज्यपाल ने फहराया तिरंगा
देश आज अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर देश के हर हिस्से में तिरंगा फहराकर आजादी का यह पर्व मनाया गया। श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तिरंगा फहराया। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद यह पहला स्वतंत्रता दिवस है। राज्य में जारी प्रतिबंधों और कड़ी सुरक्षा के बीच राज्यपाल ने तिरंगा फहराया। आइये, जानते हैं कि राज्यपाल मलिक ने अपने भाषण में क्या-क्या बातें कहीं।
अनुच्छेद 370 में बदलाव का फैसला ऐतिहासिक
शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में अपने संबोधन से पहले राज्यपाल मलिक ने परेड का निरीक्षण किया। उनका भाषण सुनने के लिए काफी तादाद में लोग हाथों में तिरंगा लेकर आए थे। अपने संबोधन में मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार का अनुच्छेद 370 में बदलाव का फैसला ऐतिहासिक है और इससे यहां के लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए विकास के दरवाजे खुलेंगे।
जम्मू-कश्मीर की पहचान से कोई छेड़छाड़ नहीं- राज्यपाल
जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति की देखते हुए लोगों की नजरें श्रीनगर में होने वाले इस समारोह पर टिकी थी। राज्य के कई इलाकों में अब भी धारा 144 लागू है। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि वो जम्मू-कश्मीर के लोगों से कहना चाहते हैं कि उनकी पहचान से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है और इस पर किसी तरह का खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान हर क्षेत्रीय पहचान को फलने-फूलने का मौका देता है।
तिरंगा फहराते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक
कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए सरकार प्रतिबद्ध- राज्यपाल
राज्यपाल मलिक ने अपने संबोधन में कश्मीरी पंडितों की वापसी का भी भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि सरकार घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल आतंकवाद के खिलाफ सख्ती बरत रहे हैं। इसी का नतीजा है कि आतंकियों ने घाटी में हार मान ली है। साथ ही पिछले कुछ समय में घाटी में पत्थरबाजी और आतंकी संगठनों में भर्ती की घटनाओं में कमी आई है।
जम्मू से हटी पाबंदियां, कश्मीर में जारी
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले जम्मू में लगी सारी पाबंदियां हटा दी गई थी, जबकि कश्मीर में अभी कुछ और समय तक ये पाबंदियां लगी रहेंगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को ये जानकारी दी। बता दें कि इस बात की आशंकाएं और खुफिया रिपोर्ट्स हैं कि स्वतंत्रता दिवस के दिन कश्मीरियों को भड़काने का काम किया जा सकता है, इसलिए इन्हें हटाने पर फैसला 15 अगस्त के बाद ही लिया जाएगा।
हालात पूरी तरह नियंत्रण में- पुलिस
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के ADGP मुनीर खान ने कहा, "जम्मू में लगाई गई पाबंदियों को पूरी तरह हटा लिया गया है। कश्मीर के कुछ इलाकों में पाबंदियां कुछ समय तक जारी रहेंगी।" इस दौरान उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और किसी को कोई बड़ी चोट नहीं लगी है। उन्होंने कहा कि पैलेट गन से कुछ लोगों को चोटें लगी हैं, लेकिन उनका उपचार किया जा चुका है।
4 अगस्त से लगी हुई हैं पाबंदियां
बता दें कि 4 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में टीवी, इंटरनेट और फोन सेवाओं को बंद कर दिया गया था और राज्य में धारा 144 लागू की गई थी। राज्य के कई नेताओं को भी हिरासत में लिया गया। इसके एक दिन बाद 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 में बदलाव करते हुए राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर दिया। इसके अलावा राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला भी लिया गया।