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रेल मंत्री ने किया 'कवच 4.0' का परीक्षण, ये हादसे कैसे रोकेगा और कितना कारगर है?
भारतीय रेलवे का ट्रेनों की सुरक्षा के लिए कवच 4.0 का सफल परीक्षण (तस्वीर: एक्स/@AshwiniVaishnaw)

रेल मंत्री ने किया 'कवच 4.0' का परीक्षण, ये हादसे कैसे रोकेगा और कितना कारगर है?

लेखन गजेंद्र
Sep 26, 2024
04:57 pm

क्या है खबर?

ट्रेनों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए भारतीय रेलवे कवच सिस्टम का नया अवतार 'कवच 4.0' लेकर आया है। इसका राजस्थान में सफल परीक्षण हो चुका है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक 7 प्रमुख बिंदुओं पर इसका परीक्षण किया है, जिसे कामयाब बताया जा रहा है। रेल मंत्री ने सभी 7 बिंदुओं पर परीक्षण का परिणाम भी सोशल मीडिया पर साझा किया है। आइए जानते हैं कि कवच 4.0 कितना कारगर है।

कवच

बिना लोको पायलट के हस्तक्षेप से रुकी ट्रेन

परीक्षण के दौरान देखा गया कि कवच ने लाल सिग्नल से 50 मीटर की सुरक्षित दूरी पर ट्रेन को रोक दिया। इस दौरान ट्रेन के इंजन में बैठे लोको पायलट ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। इससे यह पता चला कि अगर रूट पर लाल सिग्नल के बाद भी पायलट ट्रेन को रोकने में असमर्थ होता है तो ट्रेन कवच के जरिए खुद रुक जाएगी और गति धीमी कर लेगी। कवच खतरे को भांपकर ट्रेन की गति पर भी लगाम लगाएगा।

गति

कैसे अपनेआप कम होगी ट्रेन की गति?

परीक्षण के दौरान ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही थी, लेकिन कवच ने सतर्कता क्षेत्र में स्वचालित रूप से गति को कम करके 120 किमी प्रति घंटे कर दिया। जब ट्रेन सतर्कता क्षेत्र से बाहर निकल गई तो पुनः गति को 130 किमी प्रति घंटे पर बहाल कर दिया। इसके अलावा लूप लाइनों में कवच ने स्वचालित रूप से गति को कम करके सुरक्षित 30 किमी प्रति घंटा कर दिया।

सुरक्षा

स्टेशन मास्टर के समस्या बताने पर रुकी ट्रेन

परीक्षण के दौरान देखा गया कि जब रूट पर स्टेशन मास्टर ने किसी प्रकार की कोई समस्या बताई तो कवच ने सुरक्षा के लिए तुरंत ट्रेन को रोक दिया। अभी तक ट्रेन को रोकने के लिए स्टेशन मास्टर वॉकी-टॉकी से जानकारी देते थे, लेकिन अब कवच को संदेश भेजते ही, कवच ने ट्रेन की गति धीमी करके उसे रोक दिया। लोको पायलट के हॉर्न न बजाने पर भी कवच ने लेवल क्रॉसिंग गेट से गुजरते समय स्वचालित हॉर्न बजाया।

डिजिटल

इंजन में लगे उपकरण पर दिखती रहेगी जानकारी

कवच के जरिए संपूर्ण ट्रेन यात्रा के दौरान लोको पायलट के कैब डिस्प्ले पर अगला सिग्नल पहलू लगातार दिखाई देता रहेगा। परीक्षण के दौरान कैब सिग्नलिंग प्रणाली सफल रहा। इसके अलावा अगर पायलट ने लाल होम सिग्नल पार करने का प्रयास किया तो कवच ट्रेन को पार करने से रोक देगा। परीक्षण के दौरान इस बिंदु पर भी सफलता मिली। पहले चरण में दिसंबर, 2030 तक पूरे देश में इसे शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

ट्विटर पोस्ट

देखिए, कवच का पूरा परीक्षण

कवच

क्या है कवच?

रेलवे का यह 'कवच' सिस्टम अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) ने तैयार किया है। यह एक स्वेदेशी एंटी प्रोटेक्शन सिस्टम (APS) है। इस सिस्टम में आपातकालीन स्थिति में ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाते हैं। सर्दियों में कोहरे के दौरान भी यह सिस्टम कारगर होता है। इसे बड़े रेल हादसे रोकने में काफी कारगर बताया जा रहा है। कवच 4.0 का परीक्षण सफल हो गया है। जल्द ही इसे सभी ट्रेनों में लगाया जाएगा।