बिहार में जितिया पर्व के दौरान नदी में डूबने से 46 की मौत, कई लापता
बिहार में गुरुवार को जितिया पर्व (जीवितपुत्रिका) के दौरान उत्सव का माहौल मातम में बदल गया। यहां अलग-अलग जिलों में नदी में डूबने से 46 लोगों की मौत हुई है। जितिया के दौरान लोग नदी और तालाब में स्नान करने के लिए पहुंचे थे। मरने वालों में अधिकतर संख्या बच्चों की है। अभी कई लोगों के लापता होने की सूचना है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से घटनास्थल पर खोज अभियान चलाया जा रहा है।
कहां-कहां हुई मौतें?
बिहार के 15 जिलों से मौत की खबर आ रही है। सबसे ज्यादा 10 मौतें औरंगाबाद में हुई हैं। इसके बाद छपरा में 5 लोगों की जान गई है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, रोहतास में 4, कैमूर में 3, सीवान में 3, मोतिहारी में 3, बेतिया में 2, बेगूसराय में 2, गोपालगंज, भोजपुर, नालंदा, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और अरवल आदि में 1-1 मौत की खबर है। मरने वालों में 37 बच्चे, 7 महिलाएं और 2 पुरुष बताए जा रहे हैं।
संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है व्रत
बिहार में जितिया त्योहार संतानों की दीर्घायु की कामना के लिए मनाया जाता है। यह छठ पर्व की तरह ही होता है। इसके अंतर्गत 24 सितंबर को नहाय खाय से इसकी शुरूआत हुई थी। 25 सितंबर को उपवास और 26 सितंबर को पारण करने के साथ व्रत का समापन होता है। हादसे के बाद पूरे प्रदेश में मातम पसर गया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये आर्थिक सहायता की घोषणा की है।