पेंशन बजट कम करने के लिए सैन्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाना चाहते हैं बिपिन रावत
क्या है खबर?
सेना के बढ़ते पेंशन बजट को कम करने के लिए देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने तकनीकी पदों और गैर युद्धक भूमिकाओं में लगे सेना के करीब चार लाख जवानों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने का सुझाव दिया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रावत और सेना की तीनों कमानों के प्रमुख हार्डवेयर खरीद और आवास अधिकारियों के लिए संसाधन उत्पन्न करने के तरीकों पर भी चर्चा कर रहे हैं।
बजट
सैन्यकर्मियों की पेंशन के लिए आवंटित किया 1.33 लाख करोड़ रुपये का बजट
सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सैन्यकर्मियों की पेंशन के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
यह देश की GDP का 0.5% है। साल 2010 में यह बजट 41,000 करोड़ रुपये था। इसके बाद साल 2019-20 में यह बजट 1.13 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था।
इस बजट को कम करने के लिए रावत ने गैर युद्धक भूमिकाओं में लगे सैन्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु 39 से बढ़ाकर 58 वर्ष करने का प्रस्ताव रखा है।
बचत
सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने से होगी 4,000 करोड़ रुपये की बचत
हालांकि, अभी तक रावत के इस सुझाव को रक्षा मंत्रालय की ओर से हरी झण्डी नहीं मिली है, लेकिन यदि सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ा दिया गया तो सरकार को प्रतिवर्ष 4,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
इसके अलावा 39 साल के बाद भी गैर युद्धक कार्यों में लगे करीब 40,000 कर्मचारी काम करना जारी रखेंगे।
इससे सेना को उनके अनुभव का पूरा लाभ मिल सकेगा। यह परिवर्तन धीरे-धीरे लाया जाएगा और इससे सेना को मजबूती मिलेगी।
गणित
20 साल सेवा देने के बाद 30-35 साल पेंशन उठाते हैं सैन्यकर्मी- रावत
रावत ने अपने सुझाव के पीछे तर्क दिया कि वर्तमान में एक जवान 40 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होता है और करीब 70 साल की उम्र तक पेंशन प्राप्त करता है।
रावत के अनुसार, जवान सेना में 20 साल सेवा देकर बाकी के 30-35 साल पेंशन प्राप्त करता है। उनका यह मतलब नहीं कि जवानों का ध्यान नहीं रखा जाना चाहिए। उनका ध्यान रखा जाए, लेकिन युद्धक भूमिका में लगे जवानों के बारे में ज्यादा सोचा जाना चाहिए।
जानकारी
रावत सेवानिवृत्ति के बाद जवानों की स्थिति पर जताई चिंता
रावत ने कहा कि जब एक जवान रिटायर होता है तो उनकी पेंशन वेतन से आधी होती है। उसे मुफ्त आवास और राशन नहीं मिलता है। बच्चों को नि:शुल्क स्कूल की सुविधा बंद हो जाती है। आप सोचे जवान की क्या स्थिति होती है।
आवास
शाही बंगले जल्द ही होंगे गुजरे समय की बात
CDS रावत ने आवास क्षेत्र में परिवर्तन का भी प्रस्ताव किया गया है। यदि उसे भी मंजूर कर लिया जाता है तो अधिकारियों को मिलने वाले शाही बंगले जल्द ही फ्लैट में बदले नजर आएंगे।
सेना की तीनों कमान भी इस प्रोजेक्ट के जरिए धन उत्पन्न करने की सोच रही है। जिसे "न्यू मोती बाग मॉडल" कहा जाता है।
रावत चाहते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जैसी एजेंसियां इन परियोजनाओं को सेना की जमीन पर तैयार करे।
जानकारी
फ्लैटों में रहे सैन्य कमांडर
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "कमांडरों के एक पहाड़ी पर स्थित शाही बंगले में रहने के दिन खत्म हो चुके हैं। अब सैन्य कमांडरों के फ्लैटों में रहने का समय आ गया है। इससे सेना 7-8 सालों में 35,000 करोड़ रुपये कमा सकेगी।"
योजनाएं
हिन्द महासागर क्षेत्र पर रावत का विशेष ध्यान
रक्षा उपकरणों व हथियारों की खरीद को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी उठाने वाले रावत वर्तमान में स्वदेशीकरण पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।
यही कारण है कि वह हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) और आस-पास के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि वायु सेना लड़ाकू विमान तेजस का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।
राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती के साथ सीमा पर तैनात सैनिकों को आधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा।
जानकारी
हिन्द महासागर पर जल्द होगा भारत का दबदबा
CDS रावत ने कहा कि INS विक्रांत के इसी साल समुद्री परीक्षणों के लिए तैयार होने की उम्मीद है। इसी तरह परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी INS अरिघाट भी तैयार है। भारत हिन्द महासागर में अंडमान और निकोबार में सक्रिय एयरबेस के साथ हावी हो जाएगा।