इंटरनेट शटडाउन: 2020 में भारत को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान, दुनिया में सबसे अधिक
भारत को 2020 में इंटरनेट शटडाउन के कारण पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। यूनाइटेड किंगडम (UK) की प्राइवेसी और सिक्योरिटी रिसर्च कंपनी 'टॉप10वीपीएन' की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को पूरे साल में इंटरनेट शटडाउन के कारण कुल 8,927 घंटे और 2.8 अरब डॉलर (20,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। भारत को हुआ ये नुकसान उसके बाद 20 सबसे अधिक प्रभावित देशों को मिलाकर जो नुकसान हुआ है, उसके दोगुने से भी अधिक है।
2019 के मुकाबले भारत को दोगुना आर्थिक नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में भारत को हुआ आर्थिक नुकसान 2019 में इंटरनेट शटडाउन के कारण हुए नुकसान से दोगुना है। इसमें कहा गया है कि भारत को हुआ वास्तविक नुकसान 20,000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकता है क्योंकि इसमें छोटे इंटरनेट शटडाउन को गिना नहीं गया है। इसके अनुसार, भारत ने 2020 में पूरी दुनिया में सबसे अधिक 75 बार इंटरनेट शटडाउन किया। इनमें से अधिकतर छोटे शटडाउन थे, इसलिए उन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया।
रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर का खासतौर पर जिक्र
रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट पर लगी पाबंदी का खासतौर पर जिक्र किया गया है और इसे किसी भी लोकतंत्र में सबसे बड़ा इंटरनेट शटडाउन बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस शटडाउन से कारोबार, स्कूलों और दवाओं के वितरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से मार्च, 2020 तक इंटरनेट पूरी तरह से बंद रहा था, वहीं अभी भी केवल 2G इंटरनेट चालू है।
अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में भी हुए इंटरनेट शटडाउन
यद्यपि देश में हुए इंटरनेट शटडाउन में जम्मू-कश्मीर की सबसे अधिक हिस्सेदारी रही, हालांकि इसके अलावा अन्य इलाकों में भी शटडाउन देखने को मिला। रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में निचली सुबनसिरी, ऊपरी सुबनसिरी, निचली दिबांग घाटी, लोहित, तिरप, चांगलांग, ईटानगर राजधानी क्षेत्र, पापुम परे, तवांग, पूर्वी कामेंग, पश्चिमी कामेंग, पूर्वी सियांग, पश्चिमी जियांग, लेपा राडा और ऊपरी सियांग आदि अरुणाचल प्रदेश के इलाकों में भी स्थानीय शटडाउन हुए। वहीं फरवरी में मेघालय के कई इलाकों में भी स्थानीय शटडाउन हुए।
वैश्विक स्तर पर 2019 के मुकाबले 50 प्रतिशत कम आर्थिक नुकसान
भारत के विपरीत वैश्विक स्तर पर इंटरनेट शटडाउन के कारण हुए आर्थिक नुकसान में 2019 के मुकाबले 50 प्रतिशत की कमी आई और 2020 में ये आंकड़ा 4.01 अरब डॉलर लगभग (30,000 करोड़ रुपये) रहा। रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में 2020 में 93 बड़े इंटरनेट शटडाउन हुए। भारत के अलावा बेलारूस, म्यांमार, यमन, इथियोपिया, अजरबैजान, तुर्की, सीरिया, ईरान, तंजानिया, वेनेजुएला और सोमालिया में भी शटडाउन हुए। चीन और उत्तर कोरिया को इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है।
रिपोर्ट में इंटरनेट शटडाउन की दी गई है ये परिभाषा
रिपोर्ट में "सूचना का प्रवाह नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक संचार में जानबूझकर व्यवधान कर उन्हें एक विशिष्ट आबादी या किसी इलाके के लिए दुर्गम या प्रभावी रूप से अनुपयोगी बनाने" को इंटरनेट शटडाउन कहा गया है।