महिला ने तीन तलाक का केस वापस लेने से मना किया तो काट दी नाक
उत्तर प्रदेश में एक महिला की कथित तौर पर नाक काट दी गई। महिला ने अपने ससुरालजनों पर दायर किया गया तीन तलाक का केस वापस लेने से मना कर दिया था। आरोप है कि इससे गुस्सा होकर उसके ससुराल वालों ने महिला का नाक काट दिया। पुलिस ने बताया कि महिला को उसके पति ने फोन पर तीन तलाक दिया था, जिसके उसकी मां ने उसके पति के खिलाफ केस दर्ज किया था। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
समझौते की कोशिश नहीं हुई कामयाबी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में उन्होंने दोनों परिवारों को बुलाकर सुलह कराने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी। उन्होंने बताया कि जब समझौता नहीं हुआ तो उन्होंने तीन तलाक कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया।
ससुरालवालों ने किया आरोपों से खंडन
वहीं इस मामले में ससुरालजनों ने महिला के आरोपों को झूठ बताया है। उन्होंने कहा कि महिला के पास एक नुकीला हथियार था, जिससे उसने अपना नाक खुद काट लिया। महिला के देवर ने आरोप लगाते हुए कहा, "उन्होंने मुझ पर भी पत्थर फेंका था।" वहीं महिला की मां ने कहा कि उनके बेटी की ससुरालजनों ने पिटाई की है। जब वो तीन तलाक का केस दर्ज कराने गई तो उसके ससुराल वालों ने उसे धमकी दी और मारपीट की।
क्या है नया तीन तलाक कानून
इस कानून के तहत तलाक-ए-बिद्दत को दंडनीय अपराध बना दिया गया है। इसे 'इंस्टेंट तलाक' या मौखिक तलाक भी कहते हैं। नए कानून के तहत तत्काल तीन तलाक देने वाले पति को अधिकतम 3 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। मजिस्ट्रेट को पीड़िता का पक्ष सुनने के बाद सुलह कराने और जमानत देने का अधिकार दिया गया है। मुकदमे से पहले पीड़िता का पक्ष सुनकर मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था लैंगिंक न्याय की जीत
राज्यसभा से बिल पास होने पर खुशी व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे न्याय और समानता की जीत बताया था। ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, "एक प्राचीन और मध्ययुगीन प्रथा आखिरकार इतिहास के कूड़ेदान में चली गई। संसद ने तीन तलाक को समाप्त किया और मुस्लिम महिलाओं के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय की ठीक किया। ये लैंगिंक न्याय की जीत है और समाज में समानता को बढ़ाएगी।" वहीं कांग्रेस ने बिल को "राजनीति से प्रेरित" बताया।