अफगानिस्तान: तालिबान से खतरे के कारण भारत ने कंधार से वापस बुलाया वाणिज्य दूतावास का स्टाफ
क्या है खबर?
अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते कदमों के बीच भारत ने कंधार से अपने लगभग 50 राजनियकों को वापस बुला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन कर्मचारियों को वायु सेना के विमान की मदद से शनिवार को भारत वापस लाया गया।
अंग्रेजी अखबार द हिंदू के अनुसार, भारत ने कंधार स्थित अपने वाणिज्य दूतावास को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। हालांकि सरकारी सूत्रों ने इससे इनकार किया है, लेकिन कुछ कर्मचारियों को वापस बुलाने की बात स्वीकारी है।
खतरा
कंधार की तरफ बढ़ रहा है तालिबान
अधिकारियों ने बताया कि राजनियकों को वापस बुलाने का ये कदम एहतियातन उठाया गया है क्योंकि तालिबान लगातार दक्षिणी शहर कंधार की ओर बढ़ रहा है। यह 1990 के दशक में उसका मुख्यालय भी था, ऐसे में अगर तालिबान कंधार तक पहुंचता है तो अफगान सेना के साथ उनकी लड़ाई और उग्र हो सकती है।
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि अगर शहर में लड़ाई हुई तो भारतीय अधिकारियों की जान को खतरा हो सकता है।
रिपोर्ट
स्थिति में सुधार होने पर वापस अफगानिस्तान भेजे जाएंगे कर्मचारी- रिपोर्ट
अधिकारियों के कहा कि वापस लौटे राजनियकों को स्थिति में सुधार होने पर वापस अफगानिस्तान भेज दिया जाएगा और बीच-बीच में वे अपने काम को चालू रखने के लिए काबुल की यात्रा भी कर सकेंगे।
हालांकि इसकी संभावना कम ही है क्योंकि भारत ने अप्रैल, 2020 में भी जलालाबाद और हेरात स्थित अपने दो वाणिज्य दूतावासों को बंद करके इनके कर्मचारियों को वापस बुला लिया था और ये कर्मचारी अभी तक वापस नहीं लौटे हैं।
कब्जा
कंधार के आसपास के इलाकों पर कब्जा कर चुका है तालिबान
अधिकारियों ने कहा कि वे कंधार को लेकर इसलिए ज्यादा चिंतित हैं क्योंकि यहां शहर से हवाई अड्डे पहुंचने के लिए सीमित रास्ते हैं और तालिबान इनके आसपास के इलाकों पर लगभग कब्जा कर चुका है।
पिछले रविवार को ही तालिबान ने पंजवाई जिले पर कब्जा कर लिया था जो कंधार से महज एक घंटे की दूरी पर स्थित है।
सरकार का मानना है कि आने वाले दिनों में अन्य देश भी यहां अपने वाणिज्य दूतावास बंद कर सकते हैं।
लड़ाई
अफगानिस्तान में चल रहा है तालिबान और सेना के बीच संघर्ष
बता दें कि अमेरिकी सेना की वापसी के बीच अफगानिस्तान में तालिबान और अफगानी सेना के बीच संघर्ष चल रहा है।
माना जा रहा है कि तालिबान देश के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा कर चुका है और उसने कहा है कि अगर वो चाहे तो दो हफ्ते में पूरे देश पर कब्जा कर चुका है।
देश में स्थिति तेजी से गृह युद्ध में तब्दील होती दिख रही है जो एक अच्छी खबर नहीं है।
भारत पर असर
भारत के लिए चिंता का विषय है अफगानिस्तान की बिगड़ती स्थिति
अफगानिस्तान की ये बिगड़ती स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई है जो अब तक अफगान सरकार का समर्थन करता आया है। भारत ने देश में कई अरबों को निवेश भी किया है और तालिबान के कुछ कट्टर धड़े इन निवेशों पर हमला करते रहते हैं।
हालांकि भारत के तालिबान से अनाधिकारिक तौर पर बातचीत करने की खबरें भी आई हैं और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में ईरान और रूस का दौरा किया है।