जम्मू-कश्मीर में सक्रिय ISIS और अल कायदा से जुड़े आतंकी समूहों से भारत को खतरा- FATF
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने जम्मू-कश्मीर और आसपास सक्रिय इस्लामिक स्टेट (IS) और अल कायदा से जुड़े आंतकी संगठनों से भारत को खतरा बताया है। संगठन ने कहा कि भारत को अलग-अलग तरह के आतंकी खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से जम्मू-कश्मीर और उसके आसपास सक्रिय संगठनों का खतरा सबसे प्रमुख है। ये बातें FATF द्वारा आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन विरोधी व्यवस्था पर जारी एक 'पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट' में कही गई हैं।
FATF ने भारत की धन शोधन प्रणाली को सराहा
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने धन शोधन निरोधक (AML) और आतंकवाद के वित्तपोषण निरोधक (CFT) प्रणाली लागू की है, जो कई मायनों में प्रभावी है। हालांकि, संगठन ने ये भी कहा कि धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के मामलों में अभियोजन को मजबूत करने के लिए बड़े सुधार की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अधिकारी वित्तीय खुफिया जानकारी का अच्छा उपयोग करते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी सहयोग करते हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग के लिए आंतरिक स्त्रोत जिम्मेदार- FATF
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में धन शोधन का मुख्य स्रोत देश के भीतर की अवैध गतिविधियों से उत्पन्न होता है। FATF का कहना है कि देश में जारी गैरकानूनी गतिविधियां मनी लॉन्ड्रिंग का मुख्य कारण हैं। इनमें साइबर अपराध से जुड़ी धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मादक पदार्थों की तस्करी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर लाभकारी क्षेत्र का आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में उपयोग रोकने के लिए सुधार की आवश्यकता है।
FATF ने कहा- आभूषण क्षेत्र में हो रही टैक्सचोरी
FATF ने कहा कि भारत को कीमती धातुओं और पत्थरों के व्यापार में लेन-देन की जांच को कड़ा करना चाहिए, क्योंकि इनमें से कई सौदे नकद में होते हैं और निगरानी प्रणाली के दायरे से बाहर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में लगभग 1.75 लाख व्यवसाय हैं, लेकिन केवल 9,500 ही जेम और ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के साथ पंजीकृत हैं। नकद की सीमा से संबंधित कानूनों के कारण ये क्षेत्र निवारक उपायों के दायरे से बाहर है।
क्या है FATF?
FATF एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद वित्तपोषण और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार से निपटना है। साल 1989 में G7 देशों ने इसकी स्थापना की थी। इसका मुख्यालय पेरिस में है। भारत साल 2006 में FATF का पर्यवेक्षक और 2010 में पूर्ण सदस्य बना। फिलहाल FATF के 40 सदस्य हैं। FATF समय-समय पर देशों को 'ग्रे' या 'ब्लैक' सूची में डालता है, जिसके बाद आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है।